डाइट में विधिक जागरूकता शिविर आयोजित


कोरबा। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, पुराना उच्च न्यायालय बिलासपुर के निर्देशानुसार आम नागरिकों को कानून की जानकारी दिये जाने के प्रयोजन से समस्त जिला एवं तहसील स्तर के न्यायाधीशों-मजिस्ट्रेट के द्वारा विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन ग्रामीण क्षेत्र, शहरी क्षेत्र, सार्वजनिक स्थल, सामुदायिक भवन एवं विद्यालय, महाविद्यालय एवं शिक्षण संस्थानों में किया जाता है। 
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा के अध्यक्ष डी.एल. कटकवार, जिला एवं सत्र न्यायाधीश, कोरबा के मार्गदर्शन एवं निर्देशानुसार जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट विक्रम प्रताप चन्द्रा की उपस्थिति में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। विक्रम प्रताप चन्द्रा ने कहा कि विधि की भूल क्षमा योग्य नहीं है। जाने अनजाने में हुआ अपराध दण्ड योग्य होता है। हम यह नहीं कह सकते है कि साहब हमें उक्त कानून के बारे में जानकारी नहीं थी। देश में लागूू कानून का पालन करना सभी का कर्तव्य है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि जिला संस्थान के शिक्षकों के बीच विधिक जागरूकता का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम में उनके द्वारा गुड टच, बैड टच एवं बालकों के संरक्षण अधिनियम संबंधित जानकारी भी दी गई। साथ ही विधिक जानकारी को अधिक से अधिक लोगों के मध्य साझा करने की बात कही गई। उक्त शिविर में प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान रामहरी सराफ, व्याख्याता श्रीमती लकड़ा, जसप्रीत कौर, शर्मा जी उपस्थित थे। पैरालीगल वॉलीण्टियर्स अहमद एवं गोपाल चन्द्रा  उपस्थित थे। कार्यक्रम में पैरालीगल वॉलीण्टियर्स के द्वारा पाम्पलेट का वितरण शिविर के दौरान किया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से संस्थान के लिये सरल कानूनी किताब का वितरण किया गया।
0 नाबालिग बच्चों को न दें वाहन : मजिस्ट्रेट
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोरबा कृष्ण कुमार सूर्यवंशी के द्वारा नये मोटर व्हीकल एक्ट के संबंध में जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि अक्सर देखा गया है कि माता-पिता अपने बच्चों के लिये गाड़ी खरीदकर दे देते है और बच्चे बिना लायसेंस के ही गाड़ी चलाते है, अनजाने में यदि उनसे दुर्घटना हो गयी तो वाहन मालिक माता-पिता हो या कोई अन्य घर के सदस्य उनके खिलाफ अपराध पंजीबद्ध होता है तथा भारी जुर्माना तक का प्रावधान है। 

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