मत्स्य पालक समीपस्थ प्रक्षेत्रों से प्राप्त कर सकते हैं शासकीय दर पर स्पान

विभागीय योजना का लाभ उठाने हेतु विभाग द्वारा मत्स्य पालकों से किया गया है आग्रह   

कोरबा । मत्स्य विभाग द्वारा जिले के किसानों एवं मत्स्य पालकों के आय में वृद्धि हेतु उन्नत किस्म की मत्स्य बीज उपलब्ध कराया जा रहा है। विभाग अतंर्गत जिले में 5 शासकीय मत्स्य बीज उत्पादन-संवर्धन प्रक्षेत्र स्थित है। जिसके अंतर्गत पोड़ी-उपरोड़ा विकासखण्ड के एतमानगर, पाली विकासखंड के सेन्द्रीपाली, कटघोरा के हुंकरा व डांड़पारा तथा करतला विकासखंड़ के बरपाली में मत्स्य बीज का उत्पादन किया जाता है। साथ ही 01 चायनीज हैचरी एवं 36 संवर्धन पोखर निर्मित हैं। जिनका उत्पादित जलक्षेत्र 2.75 हेक्टेयर है। मत्स्य बीज प्रक्षेत्र एतमानगर से प्रति वर्ष 475 लाख स्पान (जीरा) का उत्पादन एवं संवर्धन प्रक्षेत्रों में स्पान संचित कर 110 लाख फ्राई-फिंगरलिंग (स्टैण्डर्ड फ्राई) का उत्पादन किया जाता है। 
      सहायक संचालक मछली पालन विभाग ने बताया कि वर्तमान में स्पान उत्पादन के 475 लाख लक्ष्य के एवज में अब तक 351 लाख स्पान उत्पादन किया गया है, जिसे विभागीय मौसमी तालाबों में स्पान संवर्धन योजनान्तर्गत प्रदाय एवं निजी मत्स्य पालकों को विक्रय एवं प्रक्षेत्र में सवंर्धित किया गया हैै। उन्होंने बताया कि विकासखंड़ पोड़ी-उपरोड़ा के मत्स्य बीज प्रक्षेत्र एतमानगर में मत्स्य बीज स्पान एवं फ्राई का विक्रय शासकीय दर पर किया जा रहा है। अब तक सैकड़ों मत्स्य पालकों को मत्स्य बीज का विक्रय किया गया है। एतमानगर में शासकीय प्रक्षेत्र के अतिरिक्त छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी मत्स्य महासंघ मर्यादित हैचरी एवं संवर्धन प्रक्षेत्र के माध्यम से भी स्पान एवं फ्राई का विक्रय प्रारंभ है। प्ऱक्षेत्र में उन्नत प्रजाति के कतला, रोहु, मृगल जैसे मिश्रित मत्स्य बीज विक्रय हेतु उपलब्ध हैं। जिनका विभागीय योजनांतर्गत 50 प्रतिशत अनुदान पर अंगुलिका वितरण में भी वितरित किए जाते हैं।
      सहायक संचालक मछली पालन विभाग ने जिले के सभी मत्स्य पालक हितग्राहियों से विभागीय योजना का लाभ लेते हुए अपने समीपस्थ प्रक्षेत्रों से निर्धारित शासकीय दर पर मत्स्य बीज प्राप्त करने का आग्रह किया है। 

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