जांजगीर-चांपा (सेंट्रल छत्तीसगढ़) साकेत वर्मा : कोरोना काल के कारण प्रदेशभर के स्कूलों को बंद रखा गया है. इसी बीच बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार की पढ़ई तुंहर दुआर अभियान के तहत गांवों में मोहल्ला क्लास शुरू किया गया है, जिसके तहत मालखरौदा जनपद पंचायत क्षेत्र के अमलीडीह गांव स्थित सरकारी स्कूल के शिक्षक चौपाल लगाकर बच्चों को पढ़ा रहे हैं.
दरअसल, जिले के मालखरौदा जनपद पंचायत क्षेत्र के अमलीडीह गांव के शासकीय नवीन प्राथमिक शाला के शिक्षक बुद्धेश्वर प्रसाद चंद्रा , आत्मा राम साहू और शासकीय पूर्व माध्यमिक स्कूल के शिक्षक इंद्रेश कुमार यादव सहित अन्य कार्यरत शिक्षक-शिक्षिकाओं ने बच्चों को पढ़ाने का बीड़ा उठाया है. जो छात्र-छात्राओं को घर-घर जाकर बुलाते हैं और उन्हें शिक्षा दे रहे हैं. मोहल्ला क्लास के तहत शिक्षक गांव के मोहल्ले के चबूतरा में बैठाकर स्कूली बच्चों को पढ़ाई करा रहे हैं. मोहल्ला क्लास के जरिए शिक्षक कक्षा पहली से पांचवी तक के 43 बच्चों और कक्षा छठवीं से आठवीं तक के 83 छात्र-छात्राओं को पढ़ाई करा रहे हैं. गांव के हर मोहल्ले के प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय के बच्चों को अलग-अलग चबूतरा में बैठाकर बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं. इस दौरान शिक्षकों द्वारा सैनिटाइजर का उपयोग और बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बिठाया जाता है. कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए बच्चों को सावधानीपूर्वक शिक्षा दी जा रही है.
कोरोना के कारण स्कूल बंद
कोरोना के नियंत्रण के मद्देनजर प्रदेशभर के स्कूलों को सरकार ने बंद करने का फैसला लिया था, लेकिन कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते प्रकोप की वजह से स्कूल 6 महीने बाद भी नहीं खुल पाई है. जिससे बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर न पड़े इसलिए सरकार ने पढ़ई तुंहर दुआर अभियान शुरू किया. इसके अंतर्गत शिक्षकों की ओर से अभिभावकों को जागरूक कर मोहल्ला क्लास की शुरूआत की गई है, जिससे बच्चों को लगातार शिक्षा मिलती रहे.
मोहल्ला क्लास के जरिए बच्चों को मिल रही शिक्षा
मोहल्ला क्लास से बच्चों को दी जा रही शिक्षा
पारा टोला गांव में रोजाना 20 से 25 बच्चे पढ़ाई करने आते हैं , जिन्हें गांव के अलग-अलग मुहल्ले या बरामदे में पढ़ाया जाता है. गांव के ग्रामीण भी इसमें रुचि लेकर अपने बच्चों को पढ़ाई तुंहर दुआर के तहत चल रहे मोहल्ला क्लास में पढ़ने के लिए भेज रहे हैं.
मोहल्ला क्लास में पढ़ाने वाले शिक्षक ने बताया कि पढ़ाई के साथ-साथ वे स्कूली बच्चों को कोरोना संक्रमण फैलने और बचाव के बारे में भी जानकारी देते हैं. साथ ही बच्चों को सावधानी बरतने के लिए कहा जा रहा है. शिक्षक सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बच्चों को दूर-दूर बैठाते है. छात्र-छात्राओं को मास्क पहनकर आने की सलाह देते हैं. साथ ही शिक्षक हाथों को साबुन से धोने और भीड़-भाड़ वाले इलाके में नहीं जाने की सलाह भी स्कूली बच्चों को दे रहे हैं.
अमलीडीह गांव के ग्रामीण शंकर बजाज ने बताया कि भाटापारा प्राथमिक शाला और पूर्व माध्यमिक शाला के शिक्षक हर रोज गांव के चबूतरे में बैठाकर बच्चों को पढ़ा रहे हैं. जो सराहनीय काम है. ग्रामीण का कहना है कि मोहल्ला क्लास के जरिए अब धीरे-धीरे पढ़ाई कर स्तर फिर से ऊपर उठ रहा है. ग्रामीण ने बताया कि गांव के सभी लोग रोज अपने बच्चों को पढ़ाई के लिए मोहल्ला क्लास में भेजते हैं. इसी तरह मालखरौदा ब्लॉक के पिरदा माहुलदीप गांव में भी मोहल्ला क्लास के जरिए बच्चों को पढ़ाया जा रहा है.