हिमांशु डिक्सेना कोरबा(पाली):-* प्रत्येक ग्राम पंचायतों में संचालित कार्यालय भवन में अधिकतर सचिवों के नियमित उपस्थित नही रहने से ग्रामीणों को अपेक्षाकृत लाभ नही मिल पाता है।ग्रामीणों के मूलभूत संबंधीत समस्याओं एवं पंचायत से जुड़े कार्यो के संचालन हेतु प्रशासनिक तौर पर सचिव की पदस्थापना पंचायत में रहती है।लेकिन ज्यादातर सचिव पंचायत कार्यालय भवन में नियमित उपस्थित ना रहकर ब्लाक मुख्यालय पाली में घूमते हुए नजर आते है।जिसके कारण अनेक योजनाओं का सही क्रियान्वयन नही हो पाता।वहीं कामकाज लेकर पंचायत कार्यालय पहुँचने वाले ग्रामीणजन भी सचिव के नही रहने से मायूस होकर वापस लौट जाते है।
ज्ञात हो कि पाली जनपद पंचायत अंतर्गत कुल 91 ग्राम पंचायत संचालित है।जहाँ कुछेक ग्राम पंचायतों को छोड़कर अधिकतर पंचायतों के सचिव पंचायत कार्यालय में नियमित नही मिलते और बेवजह इधर उधर घूमते नजर आते है।जिससे पंचायत कार्य प्रभावित तो होता ही है साथ ही ग्रामीणों को भी भटकना पड़ता है।कई सचिव तो ऐसे भी है जो रोजाना जनपद कार्यालय के इर्द गिर्द मंडराते हुए पंचायत की राजनीति करते नजर आते है।जबकि और अन्य सचिव ब्लाक मुख्यालय में दिनभर बेवजह इधर उधर मंडराते रहते है।ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए पंचायती राज लागू किया गया है।जिसके संचालन के लिए पंचवर्षीय जनप्रतिनिधि ग्रामीणों द्वारा सरपंच के रूप में चुने जाते है।वहीं पंचायतों में विकास योजनाओं का सही क्रियान्वयन हो इसके लिए प्रशासनिक तौर पर सचिव की पदस्थापना रहती है।पंचायत संचालन एवं ग्रामीणों की सुविधा के लिये पंचायतवार कार्यालय भवन निर्मित है।लेकिन अनेक पंचायत कार्यालय में सचिव के नियमित उपस्थित नही होने से ग्रामीण सहित अनेक जनकल्याणकारी योजनाओं के हितग्राही भटकनें को मजबूर रहते है।दूर दराज एवं वनांचल क्षेत्रों के ग्राम पंचायतों में पदस्थ अनेक सचिव तो पाली मुख्यालय में किराए के भवन पर निवासरत है।जो सप्ताह में एकाक बार पंचायतों में अपनी उपस्थिति दर्शाकर कर्तव्यों का पालन कर लेते है।ऐसे में ग्रामीण कई कई दिनों तक सचिव के इंतजार में पंचायत कार्यालय का चक्कर काटते रहते है।सभी कार्यालयों में अधिकारियों-कर्मचारियों के उपस्थित रहने का समयसीमा निर्धारित है लेकिन पंचायत कार्यालय में सचिव के उपस्थित रहने के लिए कोई समयसीमा निर्धारित नही होने के कारण व कार्यवाही के अभाव में लापरवाह सचिवों के हौसले बुलंद है।प्रशासन ग्राम पंचायत कार्यालयों में सचिव के उपस्थिति को लेकर समयसीमा निर्धारण करें तथा लापरवाही बरतने वाले सचिव पर कठोर कार्यवाही करें।ताकि ग्रामीणों को मूलभूत आवश्यकताओं एवं विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियो को बेवजह ना भटकना पड़े साथ ही विकास योजनाए भी अवरुद्ध ना हो।तभी पंचायत कार्यों में सही गति आ पाएगी।