कोरबा -राहुल डिक्सेना

छत्तीसगढ़ प्रदेश लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ के बलरामपुर जिला इकाई इन दिनों आंदोलन पर है। आज हड़ताल का चौथा दिन है. आज यहाँ के कर्मचारियों ने जिला अध्यक्ष रमेश कुमार तिवारी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें उन्होंने वेतन सम्बन्धी विसंगतियों को दूर करने और राजस्थान की तर्ज़ पर छत्तीसगढ़ में व्यवस्था निर्मित करने की मांग की है। ख़ास बात यह है, कि इस पत्र को स्याही से नहीं, बल्कि खून से लिखा गया है।

छत्तीसगढ़ प्रदेश लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ के बलरामपुर जिला अध्यक्ष रमेश कुमार तिवारी ने बताया, कि ‘वह ज्ञापन मेरे खून से लिखा गया है। हम अपनी 37 साल पुरानी मांग के लिए आज भी आंदोलन करने को विवश हैं। यह विडंबना की स्थिति हैं। यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक मांगों को सरकार पूरा नहीं करेगी।’

उन्होंने बताया, ‘लिपिक 37 वर्षो से लंबित वेतन को विसंगति दूर करने एवं राजस्थान सरकार की तर्ज पर ग्रेड-पे में सुधार की मांग तथा चार स्तरीय पदोन्नत वेतनमान की मांग को लेकर विगत 4 माह से विभिन्न चरणों में आंदोलन करते रहे हैं। इसके बावजूद सरकार के द्वारा किसी भी प्रकार की पहल नहीं होने से लिपिकों में भारी आक्रोश है और प्रदेश स्तर पर अनिश्चितकालीन हड़ताल का शंखनाद कर दिया है।’

इसके पहले क्रमबद्ध तरीके से आंदोलन करते हुए प्रथम चरण में 11 मई को रैली एवं कलेक्टर के माध्यम से ज्ञापन, द्वितीय चरण में 26 मई को रैली एवं कमिश्नर के माध्यम से ज्ञापन, तृतीय चरण में 1 जून से 25 जून तक काली पट्टी लगाकर कार्य संपादन, चतुर्थ चरण में 27 जून को एक दिवसीय अवकाश, पंचम चरण में 26 एवं 27 जुलाई को दो दिवसीय सामूहिक अवकाश लेकर धरना प्रदर्शन, छठे चरण में गांधीवादी तरीके से मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र राजनांदगांव में न्याय गुहार रैली निकाली गई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *