कोरबा। छत्तीसगढ़ अभिकर्ता एवं उपभोक्ता सेवा संघ ने कलेक्टर के माध्यम से राज्यपाल को पत्र प्रेषित कर तथाकथित चिटफंड कंपनियों (साईं प्रसाद, विनायक होम्स, मिलियन माईल्स, नेथवर्थ मार्केटिंग कंपनी) आदि में लगभग 1 लाख निवेशकों की जमा धनराशि 8 अरब रुपए वापस दिलाए जाने की मांग की है। अभिकर्ताओं ने घंटाघर में एक दिवसीय धरना व रैली किया।
जिलाध्यक्ष मदनलाल चंद्रा ने बताया कि तथाकथित चिटफंड कंपनियों को तत्कालीन केन्द्र सरकार व राज्य सरकार के द्वारा पंजीयन के साथ अनुमति देकर विभिन्न जिलों में संचालित कराया गया था। 5 जिलों में कलेक्टर द्वारा रोजगार मेला में उक्त चिटफंड कंपनियों को आमंत्रित कर बेरोजगार युवक-युवतियों को नियुक्ति प्रदान कर रोजगार दिया गया था एवं वर्ष 2009-2010 में सभी जिलों के कलेक्टरों द्वारा चिटफंड कंपनियों को प्रतिबंध कर दस्तावेज जांच किया गया एवं कुछ नियम-शर्तों को लागू कर पुन: संचालित करने की अनुमति दी गई। इससे प्रभावित होकर गरीब, किसान, मजदूर एवं मध्यम वर्गीय निवेशकों ने शासन-प्रशासन पर पूर्ण विश्वास कर अपनी जमापूंजी इन चिटफंड कंपनियों में निवेश किया। छत्तीसगढ़ में लगभग 100 चिटफंड एवं तथाकथित कंपनियों को संचालित कराया गया जिसमें ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के 1 लाख निवेशकों का 8 अरब रुपया जमा किया गया है। राज्य शासन द्वारा तहसील व जिला स्तर पर 2 से 20 अगस्त 2021 तक आवेदन जमा करवाए गए लेकिन किसी भी निवेशक को कोरबा जिला में राशि वितरित नहीं किया गया है। 
0 साईं प्रसाद की संपत्ति कुर्क लेकिन राशि अप्राप्त
संघ ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा साईं प्रसाद कंपनी की टीपी नगर स्थित तीन मंजिला कार्यालय को कुर्क किया गया किंतु आज तक पीडि़त निवेशकों की डूबी हुई जमा राशि राज्य सरकार द्वारा वापस नहीं किया गया है। निवेशकों का पाई-पाई जमा राशि वापस दिलाने का वादा घोषणा पत्र में किया गया किंतु निवेशकों की राशि वापस नहीं की गई। राज्य में 54 निवेशकों ने आत्महत्या कर ली। कई व्यक्ति गंभीर बीमारी से पीडि़त है। बेटियों की शिक्षा, विवाह धन के अभाव में नहीं हो पा रही है।

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