कोरबा (सेंट्रल छत्तीसगढ़) हिमांशु डिक्सेना:- कोरबा 19 अक्टूबर 2020/खुद ज्यादा पढ़-लिख ना पाने वाले गरीब माँ-बाप का सपना होता है कि उनके बच्चे अच्छे से पढ़े-लिखें। विकासखण्ड कटघोरा ग्राम सुतर्रा की रहने वाली कुमारी श्वेता पोर्ते ने शासन की विशेष कोचिंग योजना के तहत मिले मार्गदर्शन और पढ़ाई के दौरान कड़ी मेहनत करके अपने गरीब माँ-बाप के सपने को ऊंचा कर दिखाया है। विपरीत आर्थिक स्थिति ने भी श्वेता को पढ़ाई करने से रोक ना पाया परिणामतः नीट परीक्षा क्वाॅलीफाई करने में सफलता हासिल कर ली। श्वेता ने अखिल भारतीय मेडिकल प्रवेश परीक्षा में 305 अंक अर्जित कर नीट परीक्षा क्वालीफाई किया है। पढ़ाई-लिखाई में श्वेता शुरू से ही होनहार रहने वाली श्वेता ने जिला प्रशासन की विशेष कोचिंग योजना अग्रगमन में रहकर पढ़ाई की है। कक्षा दसवीं के बाद अग्रगमन में रहकर मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी की। विशेष कोचिंग अग्रगमन में विषय विशेषज्ञ शिक्षकों द्वारा बच्चों को निरंतर मार्गदर्शन दिया गया। श्वेता के साथ अग्रगमन में तैयारी करने वाले अन्य 28 बच्चों ने भी नीट परीक्षा में सफलता हासिल की है। श्वेता का कहना है कि कोरबा जिले के गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चों के डाॅक्टर-इंजीनियर बनने के सपने पूरे करने में छत्तीसगढ़ सरकार की विशेष कोचिंग अग्रगमन की महत्वपूर्ण भूमिका है। सरकार की इस योजना से हम जैसे विद्यार्थी भी ऊंचे सपने देख सकते हैं और उन्हंे साकार करने के लिये जी-जान से मेहनत कर सकते हैं। श्वेता कहती है कि इस योजना ने इस साल मेरे जैसे 28 और विद्यार्थियों को डाॅक्टर बनने के लिये नीट परीक्षा पास करने का मार्गदर्शन दिया है। सरकार और जिला प्रशासन को इसके लिये बहुत धन्यवाद और साधुवाद है।
अपने माँ-बाप की एकलौती बेटी श्वेता ने बताया कि उनका एक भाई है। श्वेता के पिता खेती किसानी का काम करते हैं। उनकी माँ स्कूल में खाना पकाने का काम करती है। श्वेता ने बताया कि उनके माँ-बाप हमेशा उन्हें अच्छा पढ़ने के लिये प्रोत्साहित करते हैं। खुद ज्यादा पढ़-लिख ना पाये इसलिये हम लोग को हमेशा पढ़ने के लिये हौसला बढ़ाते हैं। श्वेता ने बताया कि उनका परिवार शुरू से ही डाॅक्टर बनने के सपने को पूरा करने में मदद के लिये आगे आया। कक्षा दसवीं में 80 प्रतिशत अंको के साथ पास करने के बाद श्वेता ने डाॅक्टरी की पढ़ाई के लिये प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी का मन बनाया परंतु माता-पिता की कमजोर माली हालत ने उसे चिंता में डाल दिया। परंतु छत्तीसगढ़ सरकार की मेधावी छात्र-छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिये शुरू की गयी विशेष कोचिंग योजना ने श्वेता की सभी चिंतायें दूर कर दी। दसवीं कक्षा के बाद श्वेता कोरबा शहर में संचालित अग्रगमन कोचिंग कार्यक्रम में शामिल हुई और यहां उसने शासकीय खर्चे पर आवासीय विद्यालय में रहकर ग्यारहवीं तथा बारहवीं कक्षाओं की पढ़ाई की साथ ही उसे यहां अन्य विद्यार्थियों के साथ अखिल भारतीय स्तर की नीट परीक्षा के लिये भी विशेष कोचिंग निःशुल्क दी गयी। श्वेता ने शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल सिंघिया विकासखण्ड कटघोरा से कक्षा बारहवीं में 81 प्रतिशत अंको के साथ परीक्षा पास की है। श्वेता ने बताया कि कक्षा दसवीं के दौरान स्कूूल के शिक्षकों के मार्गदर्शन में जिला प्रशासन की अग्रगमन कोचिंग योजना के बारे में पता चला। अग्रगमन में प्रवेश लेने के लिये जिला स्तरीय प्रवेश परीक्षा दिलाई। प्रवेश परीक्षा में पास होने के बाद मेडिकल की प्रवेश परीक्षा की पढ़ाई अग्रगमन आवासीय कोचिंग सेंटर में रहकर पूरी की।
कुमारी श्वेता ने बताया कि कोरोना महामारी के विश्वव्यापी संक्रमण के दौरान सभी स्कूल-काॅलेज बंद हो गये। मार्च 2020 में अग्रगमन से घर आने के बाद भी श्वेता ने अपनी मेडिकल की पढ़ाई ऊंचे मन से जारी रखी। श्वेता ने बताया कि लाॅकडाउन के दौरान भी अग्रगमन के शिक्षक पढ़ाई के लिये हमेशा हौसला बढ़ाते थे। आॅनलाइन क्लास के माध्यम से अग्रगमन के शिक्षक लगातार विद्यार्थियों के सम्पर्क में रहकर मेडिकल प्रवेश परीक्षा की पढ़ाई पूरी करवाई। घर आने के बाद भी श्वेता दस-बारह घंटे प्रतिदिन टाइम टेबल बनाकर लगातार पढ़ती रही। डाॅक्टर बनने का सपना संजोये श्वेता ने कोरोना काल को भी पढ़ाई में बाधक न बनने दिया। अग्रगमन के शिक्षकों का उच्च स्तर की पढ़ाई और घर-परिवार वालों का हमेशा साथ देना श्वेता को डाॅक्टर बनकर देश-जनता की सेवा करने के लिये हिम्मत दिया। श्वेता ने जिला प्रशासन की अग्रगमन कोचिंग को गरीब बच्चों के लिये आगे बढ़ने का अच्छा योजना बताया। श्वेता ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा अग्रगमन में विद्यार्थियों के लिये रहने, खाने-पीने की समुचित व्यवस्था किया गया है। श्वेता ने कहा कि अग्रगमन में नीट परीक्षा की तैयारी करवाने के लिये शिक्षकगण विशेष रूप से समर्पित रहते हैं। प्रतिदिन टाइम टेबल के अनुसार से सभी विषयों का अध्ययन करवाते हैं। पढ़ाये गये पाठ का नियमित अंतराल में टेस्ट होता है। अग्रगमन के शिक्षकों द्वारा प्रत्येक विद्यार्थियों पर विशेष रूप से ध्यान देकर पढ़ाई करवाई जाती है। पढ़ाई से संबंधित किसी भी प्रकार के शंका-समाधान का हल अलग से क्लास लगाकर किया जाता है। नीट परीक्षा में आये हुए विगत वर्षाें के प्रश्न पत्रों को भी हल करके बताया जाता है। नीट परीक्षा में आने वाले प्रश्नों के हिसाब से लगातार पढ़ाई करवाई जाती है। नीट परीक्षा में समय रहते अधिक से अधिक प्रश्नों का हल करने के लिये शाॅर्ट ट्रिक भी बताया जाता है। जिला प्रशासन की अग्रगमन कोचिंग में पढ़ाई का अच्छा माहौल और विशेष शिक्षकों का हमेशा उच्च मार्गदर्शन के द्वारा ही जिले के 28 बच्चे राष्ट्रीय स्तर के मेडिकल प्रवेश परीक्षा में सफलता हासिल कर पाये हंै।