कोरबा (सेंट्रल छत्तीसगढ़) साकेत वर्मा : वैश्विक महामारी कोरोना ने त्योहारों की रौनक छीन ली है. आने वाले दिनों में नवरात्र और दशहरा है. हर साल शहर में दशहरा बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है, लेकिन इस साल कोरोना संकट ने सभी के उत्साह पर पानी फेर दिया. दशहरा मनाने को लेकर कलेक्टर किरण कौशल ने गाइडलाइन जारी की है.

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10 फीट से ज्यादा नहीं होगा रावण का पुतला

कलेक्टर की गाइडलाइन के मुताबिक रावण के पुतले की ऊंचाई इस साल 10 फीट से ज्यादा नहीं हो सकती. रावण दहन के लिए भी स्थानीय अनुविभागीय अधिकारी से 10 दिन पहले अनुमति लेनी होगी.

  • कलेक्टर किरण कौशल ने कोविड-19 के संक्रमण से बचाव और रोकथाम के लिए दशहरा पर्व पर रावण दहन के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं.
  • जारी आदेशानुसार दशहरा में बनाए जाने वाले रावण के पुतलों की ऊंचाई 10 फीट से ज्यादा नहीं होगी. रावण दहन का आयोजन किसी बस्ती या रहवासी इलाके में नहीं किया जाएगा.
  • रावण दहन खुले स्थान पर करने के निर्देश दिए गए हैं.
  • रावण दहन कार्यक्रम में आयोजन समिति के मुख्य पदाधिकारी सहित 50 व्यक्ति से ज्यादा लोग कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकेंगे.
  • आयोजन के दौरान केवल पूजा करने वाले व्यक्ति ही शामिल होंगे.
  • कार्यक्रम के दौरान अनावश्यक भीड़ जमा ना हो, इसकी जिम्मेदारी आयोजन समिति की होगी.
  • यथासंभव ऑनलाइन माध्यमों से आयोजन का प्रसारण करने के निर्देश दिए गए हैं.
  • आयोजन समिति को कार्यक्रम की वीडियोग्राफी कराने और एक रजिस्टर मेंटेन करने के निर्देश दिए गए हैं. जिसमें रावण दहन कार्यक्रम में आने वाले सभी व्यक्तियों का नाम, पता और मोबाइल नंबर दर्ज किया जाएगा.
  • आयोजन स्थल पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, ताकि उनमें से किसी भी व्यक्ति के कोरोना संक्रमित होने पर कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की जा सके.
  • समिति को समय से पहले सोशल मीडिया में यह जानकारी देनी होगी कि कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए कार्यक्रम सीमित रूप से आयोजित किया जाएगा.
  • रावण दहन में कहीं भी सांस्कृतिक कार्यक्रम, बाजार, मेला, स्वागत, भंडारा, प्रसाद वितरण, पंडाल लगाने की अनुमति नहीं होगी.
  • कोविड-19 महामारी को देखते हुए रावण दहन के आयोजन में उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति को सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क लगाना और समय-समय पर सैनिटाइजर का उपयोग करना अनिवार्य होगा.
  • रावण दहन से 100 मीटर के दायरे में आवश्यकतानुसार अनिवार्य रूप से बैरिकेडिंग कराने के निर्देश दिए हैं.
  • आयोजन के दौरान किसी भी प्रकार के वाद्य यंत्र, ध्वनि विस्तारक, डीजे, धुमाल, बैंड पार्टी की अनुमति नहीं होगी.
  • रावण दहन में किसी भी प्रकार की अतिरिक्त सजावट, झांकी की अनुमति नहीं होगी.
  • अनुमति के बाद समिति सैनिटाइजर, थर्मल स्क्रीनिंग, ऑक्सीमीटर, हैंडवॉश, क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था करेगी.
  • थर्मल स्क्रीनिंग में बुखार पाए जाने या कोरोना वायरस से संबंधित कोई सामान्य या विशेष लक्षण पाए जाने पर कार्यक्रम में प्रवेश नहीं देने की जिम्मेदारी समिति की होगी.
  • आयोजन के दौरान अग्निशमन की पर्याप्त व्यवस्था करने के निर्देश दिये गए हैं.
  • आयोजन के दौरान यातायात नियमों का पालन करने और यातायात को किसी प्रकार से बाधित ना हो, ये भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं.
  • आयोजन के दौरान राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण और शासन के द्वारा प्रदूषण नियंत्रण के लिए निर्धारित मानकों, कोलाहल अधिनियम, भारत सरकार और उच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों का अनिवार्य रूप से पालन करने के निर्देश भी दिए गए हैं.
  • कोई व्यक्ति रावण दहन स्थल पर जाने के कारण संक्रमित हो जाता है, तो इलाज का पूरा खर्च आयोजन समिति वहन करेगी.
  • कंटेनमेंट जोन में आयोजन की अनुमति नहीं होगी. यदि अनुमति के बाद कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित किया जाता है, तो अनुमति तत्काल निरस्त मानी जाएगी.
  • दो आयोजन स्थल की दूरी 500 मीटर से कम नहीं होगी.
  • आयोजन की अनुमति के लिए पहले आओ पहले पाओ नीति के तहत पहले प्राप्त अवेदनों को प्राथमिकता दी जाएगी.

इन निर्देशों के अतिरिक्त भारत सरकार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आदेश के अंतर्गत जारी एसओपी का भी पालन करना अनिवार्य होगा. इन शर्तों के उल्लंघन या किसी प्रकार की अव्यवस्था होने पर इसकी पूरी जिम्मेदारी आयोजन समिति की होगी, जिसके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई भी की जाएगी. शर्तों के अधीन 10 दिन पहले संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कार्यालय मे निर्धारित शपथ पत्र मय आवेदन देना होगा. अनुमति मिलने पर ही पुतला दहन कार्यक्रम आयोजित की जा सकेगी. इन निर्देशों का उल्लंघन करने पर एपिडमिक डिसीज एक्ट और विधि अनुकूल नियमानुसार अन्य धाराओं के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी.

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