पक्ष में 6 मत पड़े विरोध में 18 जनपद सदस्यों ने किया मतदान

कोरबा। कोरबा जनपद पंचायत की उपाध्यक्ष श्रीमती कौशिल्या देवी वैष्णव के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव को लेकर चली आ रही उथल-पुथल शांत हो गई है। गुरुवार को अविश्वास प्रस्ताव पर कराए गए मतदान में उपाध्यक्ष के पक्ष में मात्र 6 सदस्यों ने मतदान किया जबकि 18 सदस्यों ने विपक्ष में मतदान किया। इस तरह तमाम कवायदों के बाद भी जनपद उपाध्यक्ष अपनी कुर्सी बचा पाने में सफल नहीं हो पाई।
हालांकि इस पूरे घटनाक्रम को लेकर कोरबा जनपद पंचायत सहित प्रशासनिक गलियारे में काफी हलचल पिछले कई दिनों से मची हुई थी। उपाध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव जनपद सदस्यों द्वारा लाए जाने के बाद जनपद सीईओ जीके मिश्रा एवं सहायक ग्रेड 2 सुरेश पांडेय के विरुद्ध शिकायत हुई और इन दोनों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर लिया गया। इसके बाद से ही जनपद की राजनीति में और उबाल आ गया था। हालांकि उपाध्यक्ष की ओर से दो जनपद सदस्यों ने अपने हस्ताक्षर के फर्जी होने की बात प्रसारित की लेकिन मतदान में सारी तस्वीर साफ हो गई।

कलेक्टर संजीव झा ने अविश्वास प्रस्ताव के सम्मिलन की अध्यक्षता के लिए संयुक्त कलेक्टर सेवाराम दीवान को पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया था। अविश्वास प्रस्ताव का सम्मिलन आज प्रातः 11 बजे कार्यालय जनपद पंचायत कोरबा के सभा कक्ष में आहुत किया गया। पीठासीन अधिकारी ने विधिवत् सम्पूर्ण कार्यवाही संपन्न कराया। पंचायती राज अधिनियम के प्रावधानों के तहत अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के लिए कुल वैद्य मतों में से दो तिहाई मत से अधिक आवश्यक थी। उपाध्यक्ष श्रीमती कौशिल्या देवी वैष्णव को जनपद उपाध्यक्ष पद से पद हटाने के लिए 24 वैद्य मतों में से 17 मतों की जरूरत थी लेकिन इससे भी अधिक 18 सदस्य ने कौशिल्या देवी वैष्णव के खिलाफ मतदान किया।

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