कोंडागांव (सेंट्रल छत्तीसगढ़) साकेत वर्मा : एक ओर छत्तीसगढ़ सरकार जल-जंगल-जमीन को बचाए रखने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग और सभी मुख्य मार्गों के किनारे लाखों की संख्या में पौधरोपण कर रही है. इन पौधों की सुरक्षा के लिए सरकार लाखों रुपए खर्च कर रही है, दूसरी तरफ केशकाल के फरसगांव ब्लॉक के ग्राम पंचायत बजोड़ा में गांव के लोगों के लगाए गए 8 हजार पौधों को ट्रैक्टर से गांव के ही दबंगों ने रौंद दिया. अधिकारियों से इस बात की शिकायत करने के बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई.

8 thousand planted by villagers in keshkal were destroyed by dabang
जमीन पर कब्जा

फरसगांव ब्लॉक के बंजोड़ा में कॉर्पोरेशन के जंगल में विभाग और ग्रामीणों ने लगभग 8 हजार सागौन के पौधे लगाए थे. उस भूमि को पंचायत और ग्रामीणों की सर्वसहमति से भविष्य में श्मशान घाट और चारागाह बनाने के लिए आरक्षित रखा था, लेकिन बंजोड़ा गांव के ही चन्दकुमार, जगजीवन, नकुल, कृष्णकुमार, कुबेर सिंह और दयालुराम पर पंचायत और ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि उन्होंने वन विभाग की जमीन पर लगाए सागौन के हजारों पौधों को ट्रैक्टर चलाकर बर्बाद कर दिया, जिसका विरोध करने पर वे लड़ाई-झगड़े पर उतर आते हैं.

8 thousand planted by villagers in keshkal were destroyed by dabang
विभाग की जमीन

4 साल पहले भी हुई थी पेड़ों की अंधाधुंध कटाई

उत्तर वन मंडल केशकाल के वन परिक्षेत्र बड़ेडोंगर के ग्राम पंचायत बंजोड़ा के समीपवर्ती वन क्षेत्र में 2017 में लगभग 50-60 एकड़ के वन क्षेत्र में साल के हजारों वृ़क्षों की अंधाधुंध कटाई की गई थी. उस समय भी वन विभाग ने कार्रवाई नहीं की थी. इस मामले में भी ग्रामीणों की शिकायत के बाद कोई कार्रवाई होती नजर नहीं आ रही है.

जिम्मेदारों से कर चुके शिकायत

ग्रामीणों ने बताया कि हमने लगभग 1 माह पूर्व केशकाल विधायक, कोंडागांव कलेक्टर, कारपोरेशन के डीएफओ जगदलपुर, रेंजर और पुलिस थाने में शिकायत की थी, लेकिन अब तक किसी ने उचित कार्रवाई नहीं की. इसकी वजह से दबंगों का हौसला बढ़ता जा रहा है. ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया है कि हमने विभाग के अधिकारियों को कार्रवाई करने कहा, तो उनका कहना है कि राजनीति दबाव के चलते हम ऐसा करवा ही नहीं पा रहे हैं. ग्रामीण अब भी न्याय की आस लगाए बैठे हैं.

शव दफनाने का विरोध

कुछ समय पहले ग्राम पंचायत बंजोड़ा में ग्रामसभा हुई थी, जहां पर सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया था कि कॉर्पोरेशन के जंगल के 5 एकड़ को श्मशान घाट के लिए आरक्षित रखा जाएगा. चारागाह के लिए 10 एकड़ और शेष जमीन पर पौधरोपण किया गया था. बीते दिनों एक शव को दफनाने के लिए काफी विवाद हुआ, उन्हीं 6 लोगों ने शव दफनाने का विरोध किया. घंटों तक चली गहमागहमी के बाद आखिरकार पंचायत का निर्णय सर्वमान्य रहा और शव को वहीं दफनाया गया.

दोषियों पर जल्द होगी कड़ी कार्रवाई

इस विषय पर कॉर्पोरेशन वन परिक्षेत्र अधिकारी गजेंद्र पांडेय ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही विभाग ने मौके पर पहुंच कर घटना की जानकारी ली और तत्काल पंचनामा किया है. इस क्षेत्र का पीओआर कर जांच में लिया गया है, इसमें संलिप्त सभी आरोपियों पर कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही जितने भी पौधों को नुकसान हुआ है, उन सभी का भुगतान आरोपी से करवाया जाएगा.