कोरबा, हिमांशु डिक्सेना (सेंट्रल छत्तीसगढ़ ):- कोरबा जिले की पहचान ऊर्जा धानी के रूप में होती है। यहां एसईसीएल की कई खदानें हैं उसी में से एक है कुसमुंडा गेवरा परियोजना। इस परियोजना को शुरू हुए वैसे तो सालों बीत गए हैं ,लेकिन अभी तक जिनकी भूमि अधिग्रहण की गई थी। इन ग्रामीणों को आज तक नौकरी नहीं मिली है। गांव वालों का कहना है कि इसकी शिकायत एसईसीएल के जीएम, कोरबा कलेक्टर, कटघोरा एसडीएम से कई बार की जा चुकी है, लेकिन आज तक इन्हें नौकरी नहीं मिली है और दर-दर की ठोकरें खाने मजबूर हैं। अब इन ग्रामीणों के सामने यह समस्या उत्पन्न हो गई है कि जिस भूमि पर खेती कर परिवार का भरण पोषण हो रहा था उस जमीन को एसईसीएल ने ले लिया है अब इनके सामने जीविकोपार्जन करने हेतु रोजगार के कोई साधन नहीं है। जिससे परिवार की आर्थिक स्थिति पूरी तरह चरमरा गई है, अब देखने वाली बात होगी कि सैकड़ों ग्रामीणों की समस्या का समाधान एसईसीएल प्रबंधन एवं राज्य शासन द्वारा कब तक किया जाएगा…

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