कोरबा। प्रसव पीड़ा से जूझ रही एक आदिवासी महिला को समय पर सरकारी एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिल सकी। इसके अभाव में घर पर ही प्रसव कराया गया। हालत बिगडऩे पर महिला और नवजात को सरकारी अस्पताल ले जाया गया जहां कुछ घंटे बाद कटघोरा सीएचसी में दोनों की मौत हो गई।
जानकारी के अनुसार मामला पोड़ी-उपरोड़ा अनुविभाग के अंतर्गत आने वाले ग्राम मेरई की है। ग्राम मेरई निवासी प्रमिला नेटी के दो बच्चे थे। इन दिनों वह गर्भवती थी। उसके पति राज सिंह ने बताया कि प्रसव पीड़ा बढऩे पर सरकारी एंबुलेंस की सुविधा प्राप्त करने के लिए लगातार संपर्क किया गया लेकिन जवाब मिला कि सभी वाहन व्यस्त हैं। ऐसे में गांव की ही मितानिन के जरिए घर पर प्रसव कराया गया। कुछ घण्टे बाद प्रमिला और नवजात शिशु का स्वास्थ बिगडऩे पर दोनों को जटगा के स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां पर सामान्य उपचार के बाद चिकित्सक ने कटघोरा रेफर कर दिया। कटघोरा सीएचसी में मां और शिशु की उपचार के दौरान मौत हो गई। इस घटना से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है वहीं दूरस्थ वनांचल क्षेत्र में व्याप्त अव्यवस्था भी उजागर हुई है। अगर समय पर एंबुलेंस की सुविधा प्राप्त होती और अस्पताल में प्रसव होता तो शायद अनहोनी को रोका जा सकता था। पुलिस ने इस मामले में मृतका के परिजनों का बयान दर्ज किया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के उपरांत पुलिस की जांच आगे बढ़ेगी।