कोरबा। एनटीपीसी के एक पूर्व अधिकारी और उनकी पत्नी पर बड़े और छोटे पुत्र के द्वारा किए जा रहे आर्थिक, मानसिक और शारीरिक शोषण तथा छल के विरूद्ध पुलिस ने अपराध पंजीबद्ध किया है। भरण-पोषण के लिए इधर-उधर भटक रहे दंपत्ति के साथ छल कर उनके मकान को गिरवी रख दिया गया और 5 माह से वृद्ध दंपत्ति अंधेरे में जीवन गुजार रहे हैं।
यह मामला दर्री थाना अंतर्गत जमनीपाली सरदार वल्लभ भाई पटेल नगर मकान क्रमांक एचआईजी-11 के निवासी एवं एनटीपीसी में फायनेंस विभाग में अधिकारी के रूप में 2003 से रिटायर हुए जानकी लाल जायसवाल का है। वे अपनी पत्नी पार्वती जायसवाल के साथ स्व अर्जित उक्त मकान में निवासरत है। 3 पुत्र अखिलेश 57 वर्ष, अविनाश 55 वर्ष एवं अवधेश 53 वर्ष हैं। बड़े पुत्र अखिलेश और छोटे पुत्र अवधेश के द्वारा पिछले 2-3 वर्षों से माता-पिता को शारीरिक, मानसिक व आर्थिक रूप से प्रताड़ित कर भरण-पोषण का खर्चा एवं गुजारा भत्ता नहीं दिया जा रहा है। ये दोनों जमनीपाली में इण्डेन गैस एजेंसी एवं ऑटो केयर सर्विस सेंटर के मालिक है व प्रतिमाह 3-4 लाख रुपए की कमाई होती है। दूसरा पुत्र जो कि साधारण सरकारी कर्मचारी है वह भरण पोषण के साथ-साथ अपने 3 बच्चों का परिवार भी पाल रहा है। पिता जानकीलाल के पास आय का कोई साधन नहीं है और पुत्रों पर आश्रित है। अपनी संपूर्ण संपत्ति का 80 प्रतिशत हिस्सा अखिलेश व अवधेश को दान कर चुके हैं लेकिन इनके द्वारा जानकीलाल के स्वामित्व के मकान को हड़पने के लिए करीब 3 साल पहले एचआईजी-11 के दस्तावेज को एक्सिस बैंक जमनीपाली में धोखे से गिरवी रख कर 60 लाख रुपए लोन हजम किया जा चुका है। मकान का बिजली, पानी, संपत्ति कर की अदायगी नहीं कर रहे हैं। 1 लाख रुपए से ज्यादा बिजली बिल होने के कारण कनेक्शन अक्टूबर महिने में काट दिया गया है। 5 माह से दंपत्ति अंधेरे में है और बेटों ने इनवर्टर व सोलर पैनल लगा कर अपनी व्यवस्था कर लिया है। पिता के नाम मकान और जरूरत होने का हवाला देकर बिजली, पानी आदि का बिल भरने से बेटों ने मना कर दिया है। सक्षम बेटों से परेशान माता-पिता ने न्याय के लिए पुलिस से गुहार लगाई और शिकायत करते हुए बकाया बिलों का भुगतान कराने, मकान के दस्तावेज को वापस दिलाने और पुत्र अखिलेश व अवधेश पर उचित कार्यवाही की मांग की है। दर्री पुलिस ने दोनों पुत्रों के विरूद्ध धारा 34, 420 भादवि के तहत अपराध पंजीबद्ध कर लिया है।

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