0 जगह-जगह हुए भोग प्रसाद वितरण के आयोजन
कोरबा। सूर्य के उत्तरायण से दक्षिणायन होने का पर्व मकर संक्रांति जो कि पोंगल व लोहड़ी के नाम से भी जाना जाता है, ऊर्जाधानी में धूमधाम से हर्षोल्लासपूर्वक परंपरागत ढंग से मनाया गया। विभिन्न आयोजन जिले भर में किए जाकर जगह-जगह भोग प्रसाद का वितरण किया जाता रहा।
मकर संक्रांति के पर्व पर ब्रह्ममुहूर्त में स्नान और इसके बाद दान-पुण्य करने का विशेष महत्व होता है। सदियों से चली आ रही इस परंपरा का निर्वहन ऊर्जाधानी में भी लोगों ने किया। हसदेव सहित विभिन्न नदी-घाटों पर स्नान और इसके बाद दान का पुण्य लाभ अर्जित करने के लिए अनेक लोग कड़कड़ाती ठंड में भी पहुंचे और परंपरा का निर्वहन किया। मकर संक्रांति को दक्षिण भारत में पोंगल तो सिक्ख समुदाय द्वारा लोहड़ी और उत्तर भारतीयों के द्वारा खिचड़ी के नाम से मनाया जाता है। अपने-अपने रिवाजों के अनुसार संक्रांति लोगों ने मनाई।
सुबह से शाम तक देवस्थलों और मंदिरों में लोग पूजा-अर्चना करने पहुंचते रहे। विभिन्न समाज सेवी और युवाओं के संगठनों तथा अनेक लोगों ने व्यक्तिगत तौर पर खिचड़ी का वितरण कर मकर संक्रांति की परंपरा का निर्वहन किया। उत्तर भारतीयों ने दही-चिवड़ा का सेवन कर त्यौहार के रूप में मनाया तो वहीं तिल के लड्डू घरों-घर बनाए गए जो संक्रांति का विशेष पकवान है।
मलियाली समाज द्वारा इस वर्ष भी भगवान अय्यप्पा स्वामी की शोभायात्रा निकाली गई। सीतामणी स्थित शनि मंदिर से प्रारंभ यात्रा मुख्य मार्ग, पावर हाउस रोड होते हुए ट्रांसपोर्ट नगर में संचालित इंडियन कॉफी हाऊस पहुंचकर संपन्न हुई। शोभायात्रा में दीप थाल लिए समाज की महिलाएं कतारबद्ध होकर चलती रहीं। पारंपरिक वाद्य यंत्र से शहर गूंजता रहा व समाज के युवा झूमते रहे। अय्यप्पा स्वामी का दर्शन व पूजन करने रास्ते भर श्रद्धालु उमड़े रहे। जगह-जगह शोभा यात्रा का स्वागत किया गया।