कोरबा। खेती-किसानी के दौर में उर्वरक एवं कीटनाशक दवाओं के विक्रेता द्वारा लगातार नकली/अमानक सामग्री का अधिक दाम पर विक्रय किये जाने की शिकायत लगातार प्राप्त होती है। गांव के हाट बाजारों में निम्न गुणवत्ता के बीज, उर्वरक एवं कीटनाशक विक्रय किये जाने की संभावनायें बनी रहती हंै।  
इसके मद्देनजर कृषि विभाग द्वारा किसानों के हित में सही कीमत व उच्च गुणवत्तायुक्त खाद उपलब्ध कराने के लिए निरीक्षण अभियान चलाया जा रहा है। जिले के उर्वरक निरीक्षकों के द्वारा न केवल निजी विक्रताओं बल्कि जिले के सभी सहकारी समितियों में खाद-बीज की गुणवत्ता एवं रख-रखाव की जांच की जा रही है। निरीक्षण के दौरान उर्वरक, बीज, एवं कीटनाशक विक्रय केन्द्रो में विक्रय स्टॉक पंजी संधारण नही करना, रेट लिस्ट चस्पा नही करना, बिल बुक संधारण नहीं करना, पीओएस स्टॉक एवं भौतिक स्कंध की मात्रा में अंतर आदि प्रकार की अनियमितता पाई गई है जो कि उर्वरक नियंत्रण (आदेश) 1985, कीटनाशी अधिनियम 1968 व 1971 के विभिन्न प्रावधनों का स्पष्ट उल्लंघन है। इस कड़ी में निरीक्षकों द्वारा की गई कार्यवाही में अब तक जिले के उर्वरक 105 बीज 55 एवं कीटनाशक 28 विक्रय केद्रों के निरीक्षण में 62 विक्रय केद्रों में अनियमिता पाई गई है जिसमें 54 विक्रय केन्द्रों पर कारण बताओ नोटिस एवं 8 विक्रय केंद्रों में अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए उर्वरक, बीज एवं कीटनाशक की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है। विभाग द्वारा निरंतर निरीक्षण किये जाने पर उर्वरक विक्रय केन्द्रों में अब नियमों को ध्यान में रखते हुए उर्वरक, बीज एवं कीटनाशक विक्रय कियेे जा रहे हैं। जिले में अब तक अमानक या उच्च दर पर खाद, बीज बेचने की शिकायत सामने नहीं आई है। 

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