कोरबा। बालको में कार्यरत प्रतिनिधि श्रमिक संगठन भारत एल्यूमिनियम मजदूर संघ (इंटक) पंजीयन क्रमांक 1032 के कार्यकारी अध्यक्ष (प्रदेशाध्यक्ष), महासचिव और कोषाध्यक्ष ने मिल कर लाखों रुपए का गबन किया है। संघ के कोष की राशि अनाप-शनाप निजी हित में खर्च की गई और इसे संघ का खर्च बताते हुए पंजीयक संस्था और सदस्यों को भी गुमराह किया गया।
इस मामले की शिकायत भारत एल्यूमिनियम मजदूर संघ के उप महासचिव नरेन्द्र तिवारी के द्वारा की गई है। संघ को मिलने वाली सदस्यता एवं दान राशि संघ के छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक में संचालित खाता में जमा होती है। संघ के नियमानुसार इसके आहरण का अधिकार संघ के अध्यक्ष संजीवा रेड्डी एवं कार्यकारी अध्यक्ष संजय सिंह द्वारा नामित किया गया है। जयप्रकाश यादव महासचिव, रमेश जांगिड़ कोषाध्यक्ष और नरेन्द्र तिवारी उप महासचिव इसके लिए अधिकृत हैं। तीनों में से कोई 2 व्यक्ति राशि आहरण कर कार्यकारी अध्यक्ष के निर्देशानुसार व्यय कर सकते हैं। आरोप है कि 28 फरवरी 2017 से 11 नवंबर 2022 तक जयप्रकाश यादव एवं रमेश जांगिड़ के द्वारा उप महासचिव की जानकारी बगैर राशि आहरण कर व्यय किया जाता रहा। संघ के सदस्यों द्वारा व्यय की जानकारी मांगे जाने पर नहीं दिया जाता। आहरण हेतु अधिकृत होने के कारण नरेन्द्र द्वारा जानकारी मांगने पर भी नहीं दी जा रही है। नरेन्द्र तिवारी की शिकायत पर प्रारंभिक विवेचना करते हुए बालको पुलिस ने संघ के अध्यक्ष जी संजीवा रेड्डी, कार्यकारी अध्यक्ष संजय सिंह पिता आरपी सिंह चाम्पा, महासचिव जयप्रकाश यादव शांतिनगर बालको तथा रमेश जांगिड़ बालकोनगर के विरूद्ध 3 लाख रुपए से अधिक की धोखाधड़ी के जुर्म में धारा 420, 34 भादवि के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है।
0 आडिट रिपोर्ट में फर्जीवाड़ा
शिकायत के अनुसार आडिट रिपोर्ट और बैंक खाता का विवरण में काफी अंतर देखा गया है। कूटरचित आडिट रिपोर्ट पंजीयक कार्यालय में जमा करना पाया गया। संघ के कार्यालय में काम करने वाले कर्मचारी का भुगतान बालको प्रबंधन ठेकेदार के माध्यम से करता है परंतु उसका भुगतान संघ द्वारा किया जाना आडिट रिपोर्ट में दर्शित है। गणपति बैरागी, एसएन चंद्रा को राशि दी गई है जिसका आडिट रिपोर्ट में उल्लेख नहीं है। समाचार पत्रों में प्रकाशन हेतु प्रति वर्ष लाखों रुपए खर्च दिखाया गया है किंतु इसके लिए सामान्य सभा में कोई अनुमोदन नहीं लिया गया, कूटरचना कर इस राशि को आडिट रिपोर्ट में खर्च बता कर निजी स्वार्थ के लिए उपयोग किया गया है। संघ के पदाधिकारियों के प्रवास और यात्रा में लाखों का खर्च दिखाया गया है जबकि बालको प्रबंधन द्वारा यात्रा व्यय का वहन किया जाता है। संघ ने कानूनी खर्च 3 लाख रुपए से अधिक दिखाया है जबकि संघ का बालको कर्मी के लिए कोई भी कानूनी मामला लंबित नहीं है। सामान्य सभा की बैठकों में आय-व्यय का विवरण और आडिट रिपोर्ट मेल नहीं खाते। 

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