कोरबा। एनटीपीसी भारत की सबसे बड़ी बिजली उपयोगिता है, जिसकी कुल स्थापित क्षमता 73,024 मेगावाट के साथ बिजली क्षेत्र की मूल्य श्रृंखला में मौजूद है। ऑयल इंडिया लिमिटेड एक राज्य के स्वामित्व वाली तेल कंपनी है जो अन्वेषण, विकास और के व्यवसाय में लगी हुई है। कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस का उत्पादन, नवीकरणीय ऊर्जा, ग्रीन हाइड्रोजन और इसके डेरिवेटिव, जियोथर्मल और अन्य डीकार्बोनाइजेशन पहल के क्षेत्रों में सहयोग का पता लगाने के लिए 31 अगस्त को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके अलावा, समझौता ज्ञापन कार्बन पृथक्करण जैसी आगामी डीकार्बोनाइजेशन प्रौद्योगिकियों पर ज्ञान और अनुभव साझा करने की सुविधा प्रदान करेगा।
इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से, दो महारत्न दिग्गज, नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में अपने पदचिह्न को बढ़ाने और देश के नेट-जीरो लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए स्थायी समाधानों में प्रवेश करने का इरादा रखते हैं।
एनटीपीसी के सीएमडी श्री गुरदीप सिंह और ओआईएल के सीएमडी डॉ. रंजीत रथ और उनके कार्यात्मक निदेशकों की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। एनटीपीसी 2032 तक 60 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करने और हरित हाइड्रोजन प्रौद्योगिकी और ऊर्जा भंडारण क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी बनने के लिए प्रतिबद्ध है। कंपनी डीकार्बोनाइजेशन की दिशा में कई पहल कर रही है जैसे हाइड्रोजन मिश्रण, कार्बन कैप्चर और ईंधन सेल बसें।

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