कोरबा। जिले में संचालित भारत की दूसरी सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी एसईसीएल ने पिछले तीन वर्षों में वृहद स्तर पर लोगों को रोजगार सुनिश्चित किया है। कंपनी द्वारा पिछले तीन वर्षों में आश्रितों, भू-विस्थापितों, एवं सीधी भर्ती के माध्यम से कुल लगभग 2,557 लोगों को नौकरी दी है। इसमें 1,299 आश्रितों को नौकरी दी गयी है, 1,209 भू-विस्थापितों को रोजगार मिला है वहीं लगभग 49 लोगों को सीधी भर्ती द्वारा नौकरी प्रदान की गयी है। वहीं पिछले तीन वर्षों में औसत रूप से कुल 17,000 से अधिक ठेका कामगार भी हर वर्ष एसईसीएल से जुड़ी कंपनियों से रोजगार पाकर लाभान्वित हुए हैं।
ऐसे समय में जब पूरे विश्व में कोयला उद्योग मशीनीकरण की ओर तेज़ी से बढ़ रहे हैं, ये आंकड़े काफी महत्व रखते हैं। भारत में बिजली की मांग में भारी बढ़ोत्तरी देखी गयी है और यह इसमें आगे और इजाफा देखने को मिलेगा। जिसका सीधा नाता कोयला उत्पादन से है क्योंकि बिजली की बढ़ती हुई मांग को पूरा करने के लिए कोयला उत्पादन भी बढ़ाना होगा। कम समय में ज़्यादा से ज़्यादा कोयला उत्पादन बिना मशीनीकरण के संभव नहीं है। कोल इंडिया के नेतृत्व में एसईसीएल भी कोयला खनन में आधुनिक तकनीक जैसे सरफेस माइनर, कंटीन्यूअस माइनर, हाईवाल माइनिंग आदि का समावेश किया है जो न सिर्फ उत्पादन बढ़ाने में बहुत उपयोगी साबित हुए हैं वहीं इनकी मदद से पर्यावरण-हितैषी रूप से कोयला खनन भी संभव हुआ है। सीधे रोजगार के अलावा पिछले तीन वर्षों में एसईसीएल द्वारा रिकॉर्ड 2,908 युवाओं को माइनिंग समेत विभिन्न ट्रेड्स में अप्रेंटिस ट्रेनिंग भी दी गयी है। वर्ष 2020-21 एवं 2022-23 के बीच युवाओं को एसईसीएल द्वारा माइनिंग इंजीनियरिंग, माइन सर्वेक्षण, सिविल, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल आदि ट्रेड्स में प्रशिक्षण दिया गया है। भारत सरकार की राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रशिक्षण योजना (एनएटीएस) एवं राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रोत्साहन योजना (एनएपीएस) के अंतर्गत एसईसीएल से मिल रही ट्रेनिंग से अंचल के हजारों युवा लाभान्वित हो रहे हैं। वहीं सीएसआर के जरिये कंपनी द्वारा कोयलांचल के 1000 से अधिक युवाओं को केंद्रीय पेट्रोरसायन अभियांत्रिकी एवं प्रोद्योगिकी संस्थान (सिपेट) कोरबा एवं रायपुर के माध्यम से स्किल डेव्लपमेंट ट्रेनिंग भी दी गयी है और ट्रेनिंग पाने के पश्चात युवा विभिन्न संस्थानों में नौकरी पाने में भी सफल रहे हैं।एसईसीएल में मिला प्रशिक्षण जहां युवाओं को स्कूल-कॉलेज में मिली तकनीकी शिक्षा को फील्ड में प्रयोग करने का मौका दे रहा है, वहीं यहाँ मिला अनुभव छात्रों के लिए निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में रोजगार के द्वार भी खोल रहा है।

  • सर्वाधिक 167 मिलियन टन उत्पादन
    पिछले वित्तीय वर्ष 22-23 में कंपनी द्वारा अपने इतिहास के सबसे ज़्यादा कुल 167 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया गया है जिसमें 155 मिलियन टन कोयला ओपनकास्ट खदानों से वहीं 11 मिलियन टन भूमिगत खदानों से निकाला गया। कुल ओपनकास्ट उत्पादन में से सरफेस माइनर की मदद से 113.8 मिलियन टन कोयला उत्पादन हुआ जो कि कुल उत्पादन का 73 फीसदी रहा, वहीं भूमिगत खदानों में 5.9 मिलियन टन कोयला उत्पादन कंटीन्यूअस माइनर एवं हाईवाल माइनिंग तकनीक से किया गया जोकि कुल उत्पादन का 51प्रतिशत रहा।

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