कोरबा। आईटी कॉलेज के अधिकारी-कर्मचारियों ने शनिवार को महाविद्यालय के शासकीय करण प्रस्ताव को लेकर श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन को ज्ञापन सौंपा है।
आईटी कॉलेज के अधिकारियों ने बताया कि विगत तीन-चार वर्षों से महाविद्यालय के स्टाफ दरबदर हो रहे हैं। शासन प्रशासन के चक्कर काट रहे है। कभी वेतन की समस्या, तो कभी शासकीय करण न होने की। औद्योगिक संस्थानों (बालको, लैंको) ने भी वायदे पूरे नहीं किये जो राशि इन संस्थानों द्वारा आई.टी कोरबा को मिलने थे वो अप्राप्त है। वित्तीय संकटों से जूझ रहा महाविद्यालय न्याय की तलाश में है। जिले में शासकीय मेडिकल कॉलेज की स्थापना हो गई है पर एक शासकीय तकनीकी महाविद्यालय जिले को प्राप्त नहीं हो पाया है। छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद एक भी शासकीय इंजीनियरिंग तकनीकी महाविद्यालय की स्थापना जिले में नहीं की गयी है। अविभाजित मध्यप्रदेश के दौरान सन् 1983 में एक ही शासकीय महाविद्यालय की स्थापना हुई है। वर्तमान में मात्र 3 शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय हैं। प्रवेश के दौरान छात्र-छात्रायें शासकीय महाविद्यालयों को पहले प्राथमिकता देते हैं। कोरबा जिला आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है यदि यहां शासकीय इंजीनियरिंग तकनीकी महाविद्यालय उपलब्ध हो जाये, तो शत् प्रतिशत प्रवेश प्रक्रिया में वृद्धि होगी।