कोरबा। देश में प्राचीन और पौष्टिक अनाज के प्रति जागरूकता बढ़ाने एवं भागीदारी की भावना पैदा करने लिए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा 2023 को अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष घोषित किया गया है। इसके तहत् मिलेट्स पर व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन जनवरी माह के प्रत्येक शनिवार को जिले के उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में किया जा रहा है। कार्यक्रम के तहत् पी.के. चौधरी, सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी कटघोरा के द्वारा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कटघोरा एवं आई.पी. साहू वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी के द्वारा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रामपुर करतला में मिलेट्स व्याख्यान दिया गया। इसके अलावा बेहरचुवा, रामपुर, मांगामार, तानाखार, विनस, पटपरा के विद्यालयों में भी कृषि विभाग के द्वारा मिलेट्स पर व्याख्यान कार्यक्रम किया गया। स्कूलों में व्याख्यान के द्वारा बताया गया कि मिलेट्स को चमत्कारिक अनाज या भविष्य की फसल भी कहा जाता है, क्योकि इनमें अनुकूलन की अद्भुत क्षमता होती है। यह केवल अनुकूल परिस्थितियों में ही उत्पन्न नही होते बल्कि कठोर परिस्थितियों में भी उत्पन्न होने की क्षमता रखते है। देश में प्राचीन काल से ही मोटे अनाज का सेवन किया जा रहा है। इन अनाजों में ज्वार, बाजरा, कोदों, कुटकी, रागी शमिल है। मोटे अनाज पोषक तत्वों से भरपुर होने के कारण स्वास्थवर्धक होने के साथ ये हमें कई बीमारियों से बचातें है।