कोरबा। अब गांव के समीप हाथियों के पहुंचते ही अलार्म बजने लगेगा, जिससे लोग खतरे को लेकर अलर्ट हो जाएंगे। वन विभाग द्वारा अलार्म लगाने का काम शुरू कर दिया गया है। जल्द ही इसके बेहतर परिणाम मिलने की उम्मीद है।
कोरबा वनमंडल के बालको वन परिक्षेत्र में हाथियों के उत्पात को रोकने तथा ग्रामीणों को सचेत करने के लिए अत्याधुनिक सजग अलार्म लगना शुरू हो गया है। इसकी शुरुआत रेंज के हाथी प्रभावित गांव केशलपुर से की गई, जहां अलार्म लगाने वाले कंपनी के लोग पहुंचे और अपना कार्य शुरू किया। केशलपुर में अलार्म सिस्टम स्थापित होने के बाद रेंज के 7 अन्य गांव में भी इसे लगाया जाएगा। इनमें कोड़िया घाट, डोंगाघाट, कछार, चुहिया, भटगांव व बेला शामिल है। रेंजर जयंत सरकार ने बताया कि हाथी प्रभावित इन गांवों में अलार्म सिस्टम लगने से हाथियों के आने पर ग्रामीणों को तत्काल पता चल सकेगा और वे सुरक्षित स्थानों पर चले जाएंगे। इससे हाथी-मानव द्वंद्व को रोकने में सफलता मिलेगी। इससे पहले कोरबा वनमंडल के कुदमुरा रेंज में अलार्म सिस्टम लगाने का काम पूरा हो गया है। कटघोरा वनमंडल के हाथी प्रभावित रेंजों में कार्य जारी है।बालको रेंज के दूधीटांगर क्षेत्र में 20 हाथियों का दल अभी भी डेरा डाले हुए हैं। हाथियों के दल को यहां का वातावरण भा गया है। क्षेत्र में चारे की पर्याप्त व्यवस्था तथा पीने के पानी की मौजूदगी के चलते काफी दिनों से हाथी यहां जमे हुए हैं और दूधीटांगर व पुटका पहाड़ के जंगल को अपना बसेरा बनाकर विचरण कर रहे हैं। काफी दिन से हाथियों की यहां मौजूदगी बनी हुई है। अब तक हाथियों ने कोई बड़ा नुकसान नहीं पहुंचाया है।