कोरबा। हसदेव ताप विद्युत संयंत्र कोरबा पश्चिम की 500 मेगावाट विस्तार परियोजना को दो दिन पूर्व हाइड्रोजन लीकेज के कारण बंद करना पड़ गया। तकनीकी कर्मियों द्वारा सुधार कार्य किया जा रहा है। ऐसे में सेंट्रल सेक्टर से बिजली लेकर उपभोक्ताओं को प्रदान किया जा रहा है।
एचटीपीपी संयंत्र के मुख्य अभियंता कमलेश डोंगरे ने बताया कि राज्य में बिजली संकट की स्थिति निर्मित न हो, इसलिए सेंट्रल सेक्टर से बिजली लेकर उपभोक्ताओं को प्रदान की जा रही है। इससे राज्य में विद्युत कटौती की स्थिति निर्मित नहीं हो रही है। शनिवार की शाम 7 बजे बिजली की मांग 5210 मेगावाट थी। इसे पूरा करने के लिए लगभग तीन हजार मेगावाट बिजली सेंट्रल सेक्टर से ली जा रही है। विद्युत कंपनी के संयंत्रों से कुल 1957 मेगावाट उत्पादन हो रहा है। वहीं आइपीपी व सीपीपी से मिलने वाली बिजली के बाद कुल उपलब्धता 2025 मेगावाट है। एचटीपीपी 500 मेगावाट विस्तार परियोजना बंद होने की वजह से 1340 मेगावाट के इस संयंत्र से 683 मेगावाट बिजली उत्पादित हो रही है। 500 मेगावाट के डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ताप विद्युत संयंत्र से 473 मेगावाट तथा एक हजार मेगावाट मड़वा संयंत्र से 763 मेगावाट बिजली मिल रही है।
उत्पादन कंपनी के बांगो स्थित जल विद्युत संयंत्र की एक इकाई चालू कर 40 मेगावाट बिजली भी उपलब्ध करा रहा है। हालांकि इसके बावजूद कंपनी के संयंत्रों से कम बिजली का उत्पादन हो रहा है। एचटीपीपी विस्तार इकाई में तकनीकी अमले द्वारा सुधार कार्य किया जा रहा है। बावजूद इकाई चालू होने में दो-तीन दिन का वक्त लगने की संभावना जताई जा रही है।
प्रदेश में उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ने की वजह से बिजली की मांग में भी इजाफा होने लगा है। फरवरी माह का अंतिम सप्ताह चल रहा है और बिजली की मांग रोजाना पांच हजार मेगावाट से ऊपर पहुंच रही है। मार्च, अप्रैल व मई माह में आंकड़ा 6 हजार मेगावाट के करीब पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। राज्य में शाम के वक्त बिजली की मांग 5210 मेगावाट से ऊपर पहुंच गई है।