कोरबा। कलेक्टर संजीव कुमार झा ने आज समय-सीमा की बैठक लेकर छत्तीसगढ़ शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में 1 अप्रैल से प्रारंभ हो रहे सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण के कार्य को गंभीरता से करने के निर्देश दिए। उन्होंने इस कार्य में प्रगणको, सुपरवाइजरों की नियुक्ति करने, कार्य में महिला एवं पुरूषों की नियुक्ति कर उन्हें प्रशिक्षण प्रदान करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने प्रशिक्षण में किसी तरह की लापरवाही न हो, इसलिए प्रशिक्षण के कार्य को बड़ी गंभीरता से कराने तथा इसमें किसी प्रकार का चूक नहीं करने के निर्देश दिए। उन्होंने सर्वे टीम में एक महिला को अनिवार्य रूप से शामिल करने और एंड्रायड फोन के जानकार को ही मास्टर ट्रेनर्स के रूप में चयन करने के निर्देश दिए। उन्होंने इस कार्य को जिला और ब्लॉक स्तर पर मॉनीटरिंग के भी निर्देश दिए।
समय-सीमा की बैठक में कलेक्टर श्री झा ने बेरोजगारी भत्ते के संबंध में रोजगार अधिकारी को निर्देशित किया कि जिले के पात्र बेरोजगारों की सूची उपलब्ध कराते हुए कैम्प लगाकर आवेदकों के पंजीयन और सत्यापन कराएं। उन्होंने शिविर में वेरीफिकेशन टीम में पर्याप्त कर्मचारियों की डयूटी और बेरोजगारों की सुविधाओं के लिए पर्याप्त संख्या में काउंटर खोलने के निर्देश दिए। उन्होंने शिविर स्थल में छाया, पेयजल आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि मोबाइल कनेक्टिविटी वाले स्थानों पर शिविर आयोजित किए जाएं। उन्होंने कहा कि इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही नही होनी चाहिए। कलेक्टर ने तहसीलों में आमदनी प्रमाण पत्र बनाने की सुविधा हेतु आवश्यक व्यवस्था के निर्देश दिए।
कलेक्टर श्री झा ने बैठक में जल जीवन मिशन के कार्यों की भी गहन समीक्षा की। उन्होंने कहा कि पेयजल आपूर्ति अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य है, इसमें किसी प्रकार की लापरवाही नही होनी चाहिए। पीएचई के अधिकारी विशेष रूप से ध्यान दें कि कार्य समय-सीमा में पूर्ण हो। उन्होंने स्कूल एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में पेयजल उपलब्धता सुनिश्चित करने अनिवार्य रूप से टेपनल लगाने के निर्देश दिए। कलेक्टर श्री झा ने महिला बाल विकास विभाग और स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसी भी स्थान पर आंगनबाड़ी केंद्र और स्कूल जर्जर भवन में संचालित न किया जाए। उन्होंने इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था के निर्देश भी दिए। कलेक्टर श्री झा ने स्कूली विद्यार्थियों के बनाये जा रहे शेष बचे जाति प्रमाण पत्रों की समीक्षा करते हुए एबीईओ, तहसीलदारों और एसडीएम को कार्य में गति लाने के निर्देश दिए। उन्होंने राजस्व विभाग के मामलों की भी समीक्षा की और निराकरण के निर्देश दिए। बैठक में कलेक्टर ने ग्रामीण औद्योगिक पार्क (रीपा) का महत्व बताते हुए चयनित एवं आर्थिक रूप से लाभदायक व्यावसायिक गतिविधियों को संचालित करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिले में लंबित वन अधिकार पत्र बनाने के लिए वन विभाग, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग को शीघ्रता से बनाने के निर्देश दिए। बैठक में कलेक्टर ने निःशुल्क शिक्षा के अधिकार (आरटीई) में छात्रहित में पारदर्शिता के साथ प्रवेश और इसका व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चत करने के निर्देश दिए। बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री नूतन कंवर, अपर कलेक्टर बिजेन्द्र पाटले, नगर निगम आयुक्त प्रभाकर पाण्डेय आदि उपस्थित थे।