कोरबा। सड़क के किनारे बेतरतीब ढंग से और बिना कोई संकेतक उपयोग किए खड़े किए जाने वाले भारी वाहनों के कारण बढ़ते हादसों के मद्देनजर यातायात अमले के द्वारा ऐसे वाहनों पर कार्रवाई की जा रही है। दूसरी ओर शहर के भीतर बीच सड़क पर वाहन खड़ी कर खरीदारी करने वालों पर भी कार्यवाही की जरुरत बनी हुई है। कोरबा मुख्य शहर के अलावा टीपी नगर से लेकर सीएसईबी चौक और बुधवारी में वीआईपी मार्ग से लेकर महाराणा प्रताप चौक और घंटाघर चौक से लेकर निहारिका-कोसाबाड़ी तक ऐसे दर्जनों वाहन कार्यवाही की जद में लाए जा सकते हैं। पुलिस को ऐसे लोगों पर सख्ती बरतना जरूरी है।
जिला पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह के निर्देश एवं मार्गदर्शन में सोमवार से यातायात पुलिस के द्वारा जिले भर में अभियान शुरू कर यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों पर कार्यवाही की जाएगी। इससे पहले यातायात अमला मुस्तैद होकर उन वाहनों पर कार्रवाई कर रहा है जिन्हें लापरवाही पूर्वक सड़क किनारे खड़ा कर दिया जाता है। यातायात थाना में पदस्थ एएसआई मनोज राठौर ने बताया कि यातायात डीएसपी शिवचरण सिंह परिहार के पर्यवेक्षण में 25 ऐसे ट्रक एवं भारी वाहनों को धारा 283 मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए संबंधित थाना परिसर में खड़ा कराया गया है। थाना उरगा, बालको, कटघोरा और पाली में यह कार्यवाही हुई है। एसआई मनोज राठौर ने बताया कि पुलिस अधीक्षक के निर्देश व मार्गदर्शन में यातायात नियमों का पालन सुनिश्चित कराया जा रहा है। लापरवाह वाहन चलाने वालों के विरुद्ध कार्यवाही लगातार जारी रहेगी।
जिला पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह ने जिले की जनता से अपील की है कि वे वाहनों को चलाते समय यातायात के नियमों का पूर्ण रूप से पालन करें। नियमों का पालन कर ले न सिर्फ अपना बल्कि दूसरों का भी जीवन सुरक्षित करने में सहयोग करेंगे। एसपी ने ट्रांसपोर्टरों एवं ट्रांसपोर्ट कंपनियों के संचालकों से कहा है कि वे अपने चालक एवं हेल्पर को सख्त निर्देश दें कि वाहन चलाते समय नशीले पदार्थों का उपयोग बिल्कुल ना करें। ओवरस्पीड वाहनों को ना चलाएं तथा कहीं भी ब्रेक डाउन होने पर वाहन को वहां से हटवाने और शीघ्र सुधार की व्यवस्था सुनिश्चित कराएं। भारी वाहनों को सड़क के किनारे बेतरतीब ना खड़ा करें। अगर ऐसी कोई आपात स्थिति निर्मित हो तो संकेतक आदि का उपयोग अवश्य करें ताकि दूसरों का जीवन सुरक्षित रह सके। एसपी ने अभिभावकों से भी अपील की है कि वे अपने नाबालिग बच्चों को चलाने के लिए वाहन बिल्कुल ना दें। स्कूल प्रबंधनों को भी कहा गया है कि वे विद्यालय में दो पहिया वाहन लेकर आने वाले बच्चों पर नजर रखें एवं इस संबंध में अभिभावकों को निर्देश भी जारी करें।