मानवाधिकार दिवस पर विधिक शिविर अयोजित
कोरबा। संवैधानिक उपचारों का अधिकार संविधान की आत्मा है। भारतीय संविधान की धारा 32 तथा 226 में उल्लिखित प्रादेशों तक ही सर्वोच्च न्यायलय तथा उच्च न्यायलय के उपचारात्मक अधिकार सीमित नहीं हैं, अपितु वे आवश्यकतानुसार कोई आदेश, निर्देश तथा प्रादेश भी जारी कर सकते हैं।
उक्त बातें द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश जितेंद्र कुमार सिंह ने विश्व मानव अधिकार दिवस एवं शहीद वीर नारायण सिंह शहादत दिवस पर शासकीय मुकुटधर पांडेय महाविद्यालय कटघोरा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मुख्य वक्ता की आसंदी से कही। उन्होंने कहा कि मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा (यूडीएचआर) की स्मृति में हर साल 10 दिसंबर को मानव अधिकार दिवस मनाया जाता है। विशिष्ट वक्ता राहुल शर्मा व्यवहार न्यायाधीश वर्ग 2 न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी कहा कि इस वर्ष मानव अधिकार दिवस का विषय सभी के लिए गरिमा, समानता एवं न्याय है। मानवाधिकार मनुष्य के वे मूलभूत सार्वभौमिक अधिकार हैं जिनसे मनुष्य को नस्ल, जाति, राष्ट्रीयता, धर्म, लिंग आदि किसी भी दूसरे कारक के आधार पर वंचित नहीं किया जा सकता। कार्यक्रम को डॉ. प्यारेलाल आदिले प्राचार्य जेबीडी कॉलेज कटघोरा, संस्था के प्रभारी प्राचार्य डॉ. आशुतोष लाल ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. शिवदयाल पटेल कार्यक्रम अधिकारी राष्ट्रीय सेवा योजना एवं आभार प्रदर्शन डॉ. पूनम ओझा महिला सेल प्रभारी ने किया। इस अवसर पर पीएलव्ही प्रमोद अग्रवाल, महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. धरमदास टंडन, डॉ. प्रिंस कुमार मिश्रा, यशवंत जायसवाल, प्रेम कुमार वर्मा, शैलेंद्र सिंह ओट्टी, भुवनेश्वर पाटले, नूतन पाल कुर्रे, प्रतिमा कंवर, माया शर्मा, डॉ. कल्पना शांडिल्य, क्रांति कुमार दीवान, विकास जायसवाल, मनहरण श्याम, सूर्या मानिकपुरी, महिपाल सिंह, राकेश कुमार आजाद, गंगाराम पटेल, रासेयो स्वयंसेवक अनित कुमार यादव, बिंदु पटेल, रोहित कुमार, रागिनी, हेमा डिक्सेना, धनेश्वरी राजवाड़े, विमल कुमार साह, शुभम अग्रवाल, निलेश कुमार, अभिलाषा सोनिकर, अवंतिका, नीलम पटेल, कैलाश, तथागत, प्रदीप, लक्ष्मी बाई, सविता नेताम, कंचन कोरम, देवेंद्र सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।