रायगढ़ (सेंट्रल छत्तीसगढ़) : कभी पानीपुरी का चटकारा, तो कभी समोसों की खुशबू, गरमागरम बनती चाय और कचौरी की कुरकुराहट अक्सर आपको इन ठेलों की तरफ खींच लेती है. लॉकडाउन में लोगों ने सबसे ज्यादा कोई चीज मिस की है, तो वो है स्ट्रीट फूड.कोरोना संक्रमण के डर से अब लोगों ने इन जायकों से भी मुंह फेर लिया है और इसका सबसे ज्यादा असर स्ट्रीट फूड संचालकों पर पड़ा है. उनका धंधा अनलॉक के बाद भी मंदा हो गया है.
आम दिनों में रौनक लगे रहने वाली इन दुकानों में अब मुश्किल से एक-दो ग्राहक की नजर आते हैं. पहले 3 हजार से 4 हजार की कमाई करने वाले ये दुकानदार अब एक हजार रुपये भी बड़ी मुश्किल से कमा पा रहे हैं. उस पर अब 10 बजे से लेकर शाम के 6 बजे तक दुकान खोलने की अनुमति है. ऐसे में लोग अपने घर से जब भी निकल रहे हैं, तब बाहर कुछ भी खाने से बच रहे हैं.
स्ट्रीट फूड
घर चलाना हुआ मुश्किल
अनलॉक में स्ट्रीट फूड विक्रेताओं को थोड़ी राहत की उम्मीद थी, तो वो भी अब खत्म होती नजर आ रही है. संक्रमण से डर से लोग अब बाहर के खानों से दूरी बना रहे हैं. ऐसे में अब इन दुकानदारों की बिक्री 25-30% रह गई है. बढ़ती महंगाई और राशन के बढ़ते दामों ने इनकी कमर तोड़ कर रख दी है. अब इनके लिए परिवार चलाना भी मुश्किल हो गया है.
स्ट्रीट फूड
पौष्टिक आहार सेहत के लिए बेहतर
डॉक्टरों की मानें तो इस समय घर का बना पौष्टिक आहार ही सेहत के लिए बेहतर है. लोगों को जितना हो सके, बाहर के खानों से दूरी बनाए रखनी चाहिए. इस समय संतुलित आहार ही स्वास्थ्य के लिए उपयोगी है, इससे शरीर की इम्यूनिटी पॉवर भी बढ़ती है.
स्ट्रीट फूड
स्ट्रीट फूड खाने से पहले सावधानी
- बार-बार फ्राई करने की वजह से इसमें ट्रांस फैटी एसिड का स्तर हर फ्राई के साथ बढ़ता रहता है.
- दिल की बीमारी का खतरा
- बीपी का खतरा 4 गुना ज्यादा बढ़ जाता है.
- मोटापा और स्ट्रोक का जोखिम भी ज्यादा होता है.
- साफ-सफाई नहीं रहने की वजह से फूड पॉइजनिंग होने का डर बना रहता है.
हालांकि कोरोना संक्रमण के मद्देनजर सभी दुकानदार साफ-सफाई का पूरा ध्यान रख रहे हैं. गल्व्स और सैनिटाइजर का पूरा उपयोग किया जा रहा है.