कोरबा। कोरबा औद्योगिक जिला होने के साथ वनांचल क्षेत्र भी है। यहां आजीविका गतिविधियों को संचालित व विकसित करते हुए ग्रामीणों को रोजगार से जोड़ने की अपार संभावनाएं हैं। रूरल इंडस्ट्रियल पॉलिसी (रीपा) इसलिए बनाई गई है कि गांव उत्पादन का केंद्र बने, शहरों की आवश्यकताओं को पूरा कर सकें और सरकार द्वारा दिए गए लक्ष्यों के अतिरिक्त गतिविधियों का चयन भी स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान रखकर किया जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को अलग-अलग आजीविका गतिविधियों तथा उत्पादों से जोड़कर उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाने पैसा देना चाहती है, आप सभी अधिकारी नेतृत्वकर्ता हैं इसलिए टारगेट (लक्ष्य) लेकर इस दिशा में आगे बढ़िए।
जिला पंचायत सभा कक्ष में मुख्यमंत्री के सलाहकार (योजना, नीति, कृषि एवं ग्रामीण विकास) प्रदीप शर्मा ने बैठक लेकर जिले में संचालित नरवा, गौठान तथा रीपा की जानकारी ली। उन्होंने गौठान तथा रीपा की गतिविधियों को अलग-अलग संचालित करने, सभी ग्राम पंचायतों में गौठान को सक्रिय करने तथा गोबर खरीदी को बढ़ाने के निर्देश दिए। श्री शर्मा ने राजस्व गौठानों की संख्या बढ़ाने आश्रित ग्रामों का चयन भी करने के निर्देश दिए। उपचारित नालों से स्वास्थ्य, जैव विविधता, जल संवर्धन तथा कृषि के क्षेत्र में आए परिवर्तन को रेखांकित करते हुए रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। नरवा अंतर्गत संरचनाओं में आंशिक बदलाव तथा किसानों को इससे लाभान्वित करने के निर्देश देते हुए श्री शर्मा ने कहा कि नाला बनने का लाभ किसानों को मिला है, जागरूकता आने के साथ जल के प्रति सोच बदली है।
0 युवाओं की सहभागिता बढ़ाएं
उन्होंने जिले में औद्योगिक क्षेत्रों में मांग के अनुरूप उत्पाद तैयार करने की दिशा में कदम बढ़ाने और रोजगार उत्पन्न करने के संबंध में निर्देश देते हुए कहा कि बाजार में बहुत पैसा है, लोगों के पास भी पैसा पहुंचे, इसके लिए उत्पादन के साथ निर्माण के क्षेत्र में युवाओं की सहभागिता को बढ़ाने की आवश्यकता है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बिजली, पाली, शेड, मशीन, बैंक लोन, प्रशिक्षण आदि सुविधाएं भी दी जा रही है। इसके लाभ को बताते हुए युवाओं को इससे जोड़ा जाना चाहिए। राजीव युवा मितान क्लब के युवाओं की सहभागिता के निर्देश भी दिए।
0 अक्रियाशील गौठान समितियों को बदलें
श्री शर्मा ने सोनहा लाख के उत्पादन के अलावा मत्स्य उत्पादन, फिशरिज पिकल दुग्ध उत्पादन, मुर्गीपालन को बढ़ाने, लोक निर्माण विभाग, विद्युत विभाग सहित अन्य विभागों की आवश्यकताओं के आधार पर सामग्री तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिन स्थानों पर रीपा संचालित है, वहां आसपास के पांच गांव को भी शामिल करने के निर्देश दिए। श्री शर्मा ने जिले के ऐसे अक्रियाशील गौठान समितियों को बदल कर सक्रिय करने के निर्देश दिए। कलेक्टर संजीव कुमार झा ने जिले में नाबार्ड के माध्यम से फल, सब्जी सहित करतला क्षेत्र में काजू उत्पादन के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि जिला स्तर पर नई गतिविधियों को संचालित करने योजना बनाई जा रही है जिसे रीपा से जोड़कर क्रियान्वित किया जाएगा।