कोरबा। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के प्लॉन ऑफ एक्शन में एक दिवसीय पैरालीगल वॉलिंटियर का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। अध्यक्ष एवं जिला न्यायाधीश सत्येन्द्र कुमार साहू, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा समस्त पैरालीगल वॉलिंटियरों की समीक्षा की गई।
न्यायाधीश श्री साहू ने कहा कि भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त नागरिकों के मूलभूत अधिकारों के संरक्षण एवं उन अधिकारों को समान रूप से प्रदाय किए जाने के लिए जो भी विधिक कदम उठाए जाते हैं, उन्हें उपलब्ध कराए जाने के लिए पैरालीगल वॉलिंटियरर्स का कर्तव्य है कि वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन सार्थक रूप से करते हुए नालसा के समस्त 11 योजनाओं के तहत विभिन्न शासकीय एवं समाजिक योजनाओं को जरूरतमंद एवं पीडि़त असहाय एवं वांछित लोगों तक पहुंचाए जाने का कार्य करें। विशेष रूप से आदिवासी, ग्रामीण अंचल में निवासरत पिछड़ी एवं निर्धन जनजाति समुदायों के सदस्यों को विधिक एवं विधिक अधिकारों के प्रति जागरूक एवं शिक्षित किया जावे। बच्चों, महिलाओं, दिव्यांगजन एवं वरिष्ठजनों को भी विधि अनुसार सहायता एवं आर्थिक सहायता दिए जाने हेतु सहयोग किया जावे।
0 टोल-फ्री नंबरों की दी जानकारी
बैठक में श्रीमती शीतल निकुंज, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने 15100 एवं वरिष्ठजनों के लिए विधिक सहायता हेतु टोल-फ्री नं 14567, मजदूरी अधिनियम के तहत् पुलिस एफआईआर दर्ज न कर रही हो तो कार्यवाही करने की प्रक्रिया, नालसा की दिव्यांगजनों से संबंधी योजना, नेशनल लोक अदालत, पीडि़त क्षतिपूर्ति योजना, बाल श्रमिक अधिनियम, घरेलु हिंसा से महिलाओं का संरक्षण 2005, मोटर वेहिकल एक्ट, पारिवाद क्या है और क्यों दायर किया जाता है, अरेस्ट, प्री-अरेस्ट, रिमाण्ड स्तर पर विधिक सहायता संबंधी एवं एफआईआर की मूलभूत जानकारी दी गई।