कोरबा (सेन्ट्रल छत्तीसगढ़) हिमांशु डिक्सेना / पाली :- हरा सोंना कहे जाने वाले तेंदूपत्ता की तोड़ाई का काम इन दिनों ग्रामीण क्षेत्रों में आरंभ हो चुका है।वही गर्मी के इस मौसम में जंगली जानवर भी चारे-पानी की तलाश में ग्रामीण इलाकों की ओर रुख कर रहे है।ऐसे में जंगली जानवरों का सामना इंसानों से हो रहा है।ऐसे ही एक मामले में आज सुबह ग्राम के समीप जंगल में तेंदूपत्ता तोड़ने गए ग्रामीण पर भालू ने अचानक हमला कर दिया।लेकिन ग्रामीण की सूझबूझ ने उसे बचा लिया।और भालू के हमले से उसके दाएं पैर में महज मामूली खरोंचे आई।

मिली जानकारी के अनुसार पाली विकासखण्ड के ग्राम चटुवाभौना निवासी सुशील गोंड पिता सलमान सिंह 35 वर्ष अन्य ग्रामीणों के साथ आज सुबह करीब 9 बजे समीप के जंगल में तेंदूपत्ता तोड़ने के लिए गया हुआ था।जहाँ सभी तेंदूपत्ता तोड़ाई कार्य में मशगूल थे कि इसी दौरान पीछे से आए एक भालू ने सुशील पर हमला कर दिया।लेकिन भालू के एकाएक हमले से सुशील विचलित नही हुआ बल्कि सूझबूझ का परिचय देते हुए एक पेड़ की डंगाल को पकड़कर और अपना दोनों पैर उठाकर लटक गया।जिससे भालू के नाख़ून उसके दाएं पैर पर पड़े और हल्की खरोंचे आई।इस दौरान समीप ही तेंदूपत्ता तोड़ रहे अन्य ग्रामीणों ने शोर मचाना शुरू कर दिया जिससे हमलावर भालू जंगल की ओर वापस लौट गया।घटना के बाद ग्रामीणों की मदद से सुशील को तत्काल पाली स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहां प्राथमिक उपचार उपरान्त उसे छुट्टी दे दी गई।सुशील की जिस सूझबूझ से उसकी जान पर आई विपदा टली अगर वह सूझबूझ नही दिखाता तो गंभीर घटना से इंकार नही किया जा सकता था।फिलहाल वह सामान्य तथा खतरे से बाहर है।

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