कोरबा। विकासखंड अंतर्गत पशु चिकित्सालय भैसमा के परिसर में पेयजल हेतु बोर उत्खनन किया गया जो बमुश्किल दो हफ्ते चला। तेज गर्मी और बोर बंद जिसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।
 गौरतलब हो कि  परिसर के समतलीकरण भवन के रंग रोगन  खिडक़ी दरवाजा के मरम्मत, पशु शेड के फ्लोरिंग शेड के शीटों को बदलने तथा पेयजल सुनिश्चित करने हेतु बोर खनन कर पशु चिकित्सालय भवन में पानी व्यवस्था करने के लिए जिला पंचायत से पंद्रहवें वित्त के अंतर्गत ढाई-ढाई लाख रूपए की स्वीकृति हुई जिसका प्रक्कल्लन तैयार कर कार्य पंचायत को निर्माण एजेंसी बनाया गया है किंतु लगभग एक साल से अधिक होने को है, आज पर्यंत उक्त कार्य को भलीभांति नहीं किया गया है। पशु चिकित्सालय भंैसमा में महिला स्टाफ भी कार्यरत है इस दृष्टि से भवन में स्थित शौचालय बाथरूम को व्यवस्थित कर पानी आपूर्ति करना नितांत जरूरी है। परिसर में पशु चिकित्सालय भवन से लगे हुए फर्श की फ्लोरिंग की गई है जो गुणवत्ता विहीन होने के कारण तथा पानी की कमी करने की वजह से फटना शुरू हो गया है। पेयजल हेतु भवन परिसर में बोर उत्खनन किया गया है जो बंद पड़ा है जिसकी सुध लेने कोई नहीं आ रहे हैं। उक्त बोर खनन भी जांच का विषय है खनन भी बहुत कम होने के कारण पेयजल हेतु स्थाई व्यवस्था नहीं माना जा सकता। बरसात का मौसम आने से परिसर के कुछ हिस्से में पानी भराव होना तय है। भवन के अंदर के दरवाजे टूटे पड़े है। उनकी मरम्मत पर ध्यान नहीं दिया गया है। इस तरह से पांच लाख की एक बड़ी राशि शासकीय भवनों के जीर्णोद्धार सौंदर्यीकरण हेतु दिए गए किंतु उनसे अपेक्षित और मानक अनुरूप कार्य नहीं होना अधिकारियों की संलिप्तता को भी संदिग्ध बनाता है।

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