जांजगीर-चांपा (सेन्ट्रल छत्तीसगढ़) साकेत वर्मा: जैजैपुर जनपद पंचायत के आमाकोनी में मीडिल स्कूल के अहाता निर्माण के नाम पर फर्जीवाड़ा करने का मामला सामने आया है. दरअसल यहां 3 साल पहले अहाता निर्माण के नाम पर 5 लाख रुपये की स्वीकृति मिली थी. लेकिन ग्रामीणो के मुताबिक गांव में कोई मीडिल स्कूल का संचालन ही नहीं हो रहा है. ग्रामीणों ने कलेक्टर से इस मामले की शिकायत की है.

अमाकोनी में शासकीय प्राथमिक शाला के अलावा कहीं भी मीडिल स्कूल संचालित नहीं है. लेकिन जिम्मेदार विभाग के लोगों ने यहां मीडिल स्कूल में भी अहाता निर्माण करा दिया है. जो दस्तावेजों तक सीमित है. उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों मुताबिक अमाकोनी में मिडिल स्कूल के अहाता निर्माण के नाम पर साल 2017 में 5 लाख रुपये की स्वीकृति जनपद पंचायत ने दी थी. उसके बाद 5 नवंबर 2017 को इसकी तकनीकी स्वीकृति प्रदान की गई. ग्राम पंचायत रीवाडीह को निर्माण एजेंसी बनाया गया. इसके लिए आरईएस के उप अभियंता धनंजय चंद्रा ने 14 नवंबर 2017 को स्थल निरीक्षण किया. उसके बाद मीडिल स्कूल के अहाता निर्माण के नाम पर 5 लाख रुपये की राशि आहरित कर ली गई. इतना ही नहीं आरईएस के तत्कालीन एसडीओ ने इसका भौतिक सत्यापन किया और जनपद पंचायत के तत्कालीन सीईओ के जरिए इस कार्य को 2017-18 में पूर्ण होना बताकर पूरी राशि जारी कर दी गई.

ठंडे बस्ते में गया मामला

ग्रामीणों को इस बात की जानकारी हुई तो वह चकित रह गए. क्योंकि अमाकोनी में मीडिल स्कूल ही नहीं है. सिर्फ एक प्राइमरी स्कूल है. जहां पहले से ही अहाता निर्माण हो चुका है. ऐसे में यहां के ग्रामीणों ने इस पूरे मामले की शिकायत 9 जनवरी 2019 को जांजगीर-चांप कलेक्टर से की. शिकायत मिलने के बाद प्रशासनिक अमला हरकत में आया और जांच-पड़ताल शुरू हुई. लेकिन इस मामले में पूरे सिस्टम के शामिल होने से इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया.

अधकारियों की भूमिका संदिग्ध!

ग्रामीणों की मानें तो अमाकोनी में बीते 3 साल में कहीं कोई अहाता निर्माण हुआ ही नहीं है. मीडिल स्कूल तो है ही नहीं. जबकि दूसरी ओर निर्माण एजेंसी ने प्राइमरी स्कूल के अहाता निर्माण को निर्माण करना बताया है. बीईओ एमडी दीवान ने कहा कि अमाकोनी में न तो मीडिल स्कूल है और ना वहां कोई अहाता निर्माण का काम हुआ है. आरईएस ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों की भूमिका इस मामले में पूर्णता संदिग्ध बताई जा रही है. मुख्य कार्यपालन अधिकारी पीआर घृतलहरे ने कहा कि ये मेरे कार्यकाल का मामला नहीं है. लेकिन यह विषय बहुत ही गंभीर है. इसकी जांच कराई जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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