कोरबा। जिले को आगामी वर्षों में नवीन कन्या महाविद्यालय की सौगात मिलने वाली है। ग्रामीण क्षेत्र की बालिकाओं को उच्च शिक्षा से जोडऩे के लिए शासन ने जिला शिक्षा विभाग को पत्र जारी किया है। इसमें इस बात का उल्लेख किया गया है कि नगर पंचायत छुरी को केंद्र में रखते हुए। आसपास के स्कूलों का सर्वे करने और वहां पढऩे वाले हायर सेकंडरी स्कूल के विद्यार्थियों का आंकड़ा जुटाने कहा गया है।
इसके परिपालन में शिक्षा विभाग की ओर से नगर पंचायत छुरी में सर्वे भी किया जा रहा है। चुनाव के कारण प्रक्रिया थम गई थी, जिसमें अब तेजी आ रही है। शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर जानकारी का निवेदन किया गया है। सर्वे रिपोर्ट आने के बाद उच्च शिक्षा विभाग को अवगत कराया जाएगा। नवीन कन्या महाविद्यालय शुरू किए जाने के संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी टीपी उपाध्याय ने बताया कि शासन के प्रस्ताव के तहत छुरीकला से 15 किलोमीटर के दायरे का जायजा लिया गया है। यहां स्थित हायर सेकेण्डरी स्कूल के दर्ज व उत्तीर्ण बच्चों के संबंध में जानकारी के लिए स्कूल के प्राचार्यों को पत्राचार किया गया है।
गौरतलब है कि जिले में एकमात्र मिनीमाता शासकीय कन्या महाविद्यालय संचालित है। जिले में एक और सरकारी कन्या महाविद्यालय शुरू होने से पोड़ी उपरोड़ा व कटघोरा क्षेत्र के छात्राओं को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर अवसर मिलेगा।
सर्वे में आसपास के क्षेत्र के हाई और हायर सेकेंडरी स्कूलों की दर्ज संख्या का डाटा, प्रस्तावित क्षेत्र के स्कूलों से बोर्ड परीक्षाएं पास करने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या का आंकलन किया जा रहा है। जिले में नौ शासकीय सहित 18 महाविद्यालय संचालित हैं। सीट की कमी के कारण क्षेत्र के युवा पढ़ाई के लिए दूर का सफर तय करने मजबूर हो रहे हैं। वर्तमान में छुरी के सबसे नजदीकी उच्च शिक्षण संस्था के रूप में कटघोरा में शासकीय मुकुटधर पांडेय कालेज संचालित है।
छुरी से 15 किलोमीटर के दायरे में 15 से सभी अधिक शासकीय व गैर शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय का संचालन हो रहा है। जटगा महाविद्यालय को भवन का इंतजार जिले में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए बांकीमोगरा, दीपका, जटगा आदि स्थानों में भी विगत वर्षो में महाविद्यालय को स्वीकृति दी गई है। जहां संसाधनों की नितांत कमी देखी जा रही है। जटगा महाविद्यालय का संचालन आज भी हायर सेकेंडरी स्कूल में हो रहा है। जहां भवन उपलब्ध है वहां प्राध्यापकों के पद रिक्त हैं। पदों में रिक्तता की वजह से विज्ञान विषय लेकर पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों आज भी उच्च शिक्षा के लिए शहर की दौड़ लगानी पड़ रही है। 

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