कोरबा। रेल विस्तार कार्य से प्रभावित होने वाले आदिवासी परिवारों के लिए बुनियादी मानवीय सुविधाएं और आम रास्ता उपलब्ध कराने गेवरा-भैंसमाखार के ग्रामीणों ने रेल विस्तार और नए साइलो निर्माण के कार्य को रोक दिया। 5 घंटे कार्य बंद होने उपरांत दीपका तहसीलदार द्वारा किसानों को आम रास्ता दिलाने के लिए पहल करने के आश्वासन पर आंदोलन समाप्त हुआ।
उल्लेखनीय है कि गेवरा-भैसमाखार के ग्रामीण पीढ़ियों से यहां निवासरत हैं। यह क्षेत्र शहरी क्षेत्र नगर निगम अंतर्गत आता है, इसके बावजूद अभी तक इनके घरों तक सड़क, बिजली, पानी नहीं पहुंचा है। अखिल भारतीय किसान सभा से संबद्ध छत्तीसगढ़ किसान सभा के कोरबा जिला सचिव प्रशांत झा और अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर ने कहा कि मनगांव के नजदीक लक्ष्मण प्रोजेक्ट के पास नए साइलो निर्माण के साथ रेल विस्तार का काम तेजी से हो रहा है, लेकिन रेल लाईन पार करने के लिए आम रास्ता नहीं छोड़ा जा रहा है। इससे यहां निवास करने वाले एवं खेती-किसानी करने वाले ग्रामीणों का बाहरी क्षेत्र से संपर्क टूट जाएगा, जिससे किसानों को काफी नुकसान होगा। इस संबंध में जिला प्रशासन और एसईसीएल प्रबंधन के अधिकारियों को ज्ञापन दिया गया था लेकिन किसी ने किसानों की समस्या के प्रति गंभीरता नहीं दिखाया जिससे किसानों में काफी आक्रोश था इसलिए प्रभावितों ने किसान सभा के साथ मिलकर काम को बंद कराया। आंदोलन में प्रमुख रूप से दामोदर श्याम,गणेश बिंझवार, जय कौशिक, राज कुंवर, बसंता बाई, राजकुमारी, छत बाई, घसनीन बाई, मीरा बाई, फूल कुंवर, गायत्री बाई, बंधन राम, गंभीर सिंह, भगत राम, प्रेमलाल, प्यारे लाल, रविन्द्र कुमार के साथ बड़ी संख्या में प्रभावित किसान उपस्थित थे।