कोरबा। कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनी एसईसीएल की गेवरा मेगा परियोजना ने 50 मिलियन टन कोयला उत्पादन का कीर्तिमान रच दिया है। इसी के साथ एशिया की सबसे बड़ी कोल माइन ने सबसे अधिक कोयला उत्पादन का तमगा अपने नाम कर लिया है।
देश भर में सर्वाधिक कोयला उत्पादन में गेवरा अब नंबर वन पायदान पर पहुंच गया है। इस उपलब्धि पर सीएमडी डॉ. प्रेमसागर मिश्रा ने गेवरा पहुंचकर श्रमवीरों का हौसला बढ़ाया है। गेवरा परियोजना ने 50 मिलियन टन कोयला उत्पादन कर कीर्तिमान स्थापित किया है। एरिया को मौजूदा वित्तीय वर्ष में 52 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य मिला हुआ है। इस लक्ष्य के मुकाबले 19 मार्च को खदान से 50 मिलियन कोयला उत्पादन पूरा किया गया। अब शेष बचे 12 दिनों में खदान को 2 मिलियन टन कोयला का उत्पादन करना है। मौजूदा लक्ष्य की बात की जाए तो एरिया इससे आगे निकल गया है। 19 मार्च की स्थिति में खदान को 49.65 मिलियन टन कोयला का उत्पादन करना था। इसके मुकाबले उक्त तिथि तक गेवरा से 50.01 मिलियन टन कोयला का उत्पादन किया जा चुका है। गेवरा एरिया की रफ्तार से यह साफ है कि इस बार एरिया अपने उत्पादन लक्ष्य से आगे निकल सकता है। गेवरा के माइल स्टोन ने अधिकारियों की चिंता दूर कर दी है। गेवरा परियोजना की उपलब्धि पर सीएमडी डॉ. मिश्रा खदान पहुंचे। जहां उन्होंने श्रमवीरों का सम्मान किया। एसईसीएल को सालाना 182 मिलियन टन कोयला उत्पादन करना है। इस लक्ष्य में से 142.52 मिलियन टन कोयला उत्पादन कोरबा की खदानों से किया जाना है। गेवरा को 52, दीपका को 38 व कुसमुंडा को 45 मिलियन टन कोयला उत्पादन का टारगेट है। कोरबा एरिया को 7.52 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य मिला है। जिले की इन परियोजनाओं की बात की जाए तो कोरबा एरिया भी अपने लक्ष्य को पूरा करने के करीब है। दीपका और कुसमुंडा एरिया जरुर उत्पादन लक्ष्य से पीछे चल रहे हैं।