हिमाशु डिक्सेना(कोरबा ) :- प्रदेश में एक और जहां सरकार बेहतर शिक्षा देने की बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं वहीं इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है प्रदेश में कहीं स्कूल नहीं है तो कहीं छात्र नहीं है और जहां दोनों है तो शिक्षक नहीं है ऐसे कुछ मामले खनिज संपदा से भरे पूर्वी जिले में सामने आया है जिले के से 40 किलोमीटर दूर देवरी मिडिल स्कूल में लंबे समय से शिक्षक की कमी है जहां 2 शिक्षक के भरोसे 103 बच्चे का भविष्य गढ़ा जा रहा है

कटघोरा विकासखंड के देवरी में शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला शिक्षक की कमी से जूझ रहे है. कक्षा छठवीं से लेकर आठवी तक छात्रों ने केवल 2 शिक्षक नियुक्त है जबकि विद्यालय के बच्चों को तीन क्लास में बैठाया जाता है जहां दो क्लास में पढ़ाई होती है और एक क्लास में बच्चे खुद पढ़ने के लिए मजबूर है जो सिर्फ गणित और कला के विषय पढ़ाते हैं अंग्रेजी और विज्ञान और अन्य विषयों पर शिक्षक की नियुक्ति ही नहीं की गई है , वहीं जब हमारी टीम में मौके पर पहुंची तो स्कूल के बच्चों ने बताया कि बोर्ड की परीक्षा सामने है लेकिन हमें पढ़ाई के लिए कोई शिक्षक ही नहीं है शासन और प्रशासन भी इस और कोई ध्यान नहीं दे रहा है जिसकी खामियाजा मासूम को भुगतना पड़ रहा है देखने वाली बात है कब तक बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखकर शिक्षक की पदस्थापना करती है ।

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