कोरबा। प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी तथागत भगवान गौतम बुद्ध जी की जयन्ती दिनांक 23.05.2024 को कुशवाहा समाज कल्याण समिति के पदाधिकारीयों एवं सदस्यों के द्वारा पारिवारिक वातावरण में वार्ड क्र. 36 बालको नगर हरेन्द्र सिंह कुशवाहा के परिसर में निष्ठापूर्वक मनाई गई।
सर्वप्रथम संरक्षक केदार मंडल द्वारा भगवान बुद्ध की संगमरमर की मूर्ति को तिष्ठित कर विधि-विधान से पूजा कराई गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं कुशवाहा समाज के जिला कोरबा के अध्यक्ष महापौर राजकिशोर प्रसाद ने भगवान बुद्ध को नमन करते हुए अपने उद्बोधन में बताया कि आज का दिन वैशाख शुक्ल की पूर्णिमा एक महत्वपूर्ण तिथि है जो तथागत भगवान गौतम बुद्ध का जन्म का, उन्हें ज्ञान का प्राप्ति का और उनके महानिर्वाण का दिन भी है। पुराणों में महात्मा बुद्ध को भगवान विष्णु का नौवा अवतार माना गया है। इनके जीवन से जुड़े कई ऐसे प्रसंग है जिनमें सुखी जीवन और सफलता पाने के सूत्र छिपे है।
संरक्षक केदार मण्डल ने अपने उद्बोधन में बताया कि भगवान बुद्ध का अष्टांगिक मार्ग वह माध्यम है जो दु:ख के निदान का मार्ग बताता है। उनका यह अष्टांगिक मार्ग ज्ञान, वचन कर्म, आजीव व्यायाम. स्मृति और समाधि के संदर्भ में सम्यकता से साक्षात्कार कराता है।
संरक्षक ए. एल. वर्मा ने बताया कि भगवान बुद्ध ने मनुष्य के बहुत से दु:खों का कारण उसके स्वयं की अज्ञानता और मिथ्या दृष्टि बताया है। भगवान गौतम बुद्ध महान समाज सुधारक बौद्ध धर्म के संस्थापक थे और दुनिया को जन्म मृत्यू और दु:खों से मुक्ति दिलाने का मार्ग बताया। संरक्षक आर एस सिन्हा ने बताया कि भगवान गौतम बुद्ध ने दुनिया के कई देशों में बौद्ध धर्म को फैलाया और अपने महान विचारों एवं उद्देश्यों से दुनिया को एक नया रास्ता दिखाया और समाज में अभूतपूर्व परिवर्तन लाने में अपना अहम योगदान दिया। कार्यक्रम का आतिथेय हरेन्द्र सिंह ने किया। इस अवसर पर महापौर राजकिशोर प्रसाद, संरक्षक केदार मण्डल, संरक्षक आर एस सिन्हा, संरक्षक ए एल वर्मा, हरेन्द्र सिंह, अमेरिका मेहता, प्रताप सिंह, उदय कुमार सिंह, राजेन्द्र प्रसाद, लक्ष्मण सिंह, बी एन सिंह, मुकुल अलकरा, नूतन सिंह, अजय सिंह, सुजीत मेहता, दिनेश सिंह, विनोद कुशवाहा, रामजीत मेहता, मनोज वर्मा, एच पी सिंह, ध्रुव कुमार सहित बड़ी संख्या में महिलाएं एवं बच्चे शामिल हुए।