कांकेर (सेंट्रल छत्तीसगढ़) साकेत वर्मा : जिले के पखाजूंर क्षेत्र में परलकोट इलाके के किसान धान और मक्के की खेती के साथ ही सब्जियों की खेती भी करते हैं. युवा किसान अनुप मजूमदार ने अपने खेत में एक बीघा जमीन पर खेकसी की फसल लगाई है. खेक्सी की खेती से किसान को करीब एक लाख रुपए का मुनाफा मिला है. खेक्सी को अंग्रेजी में स्पाइन गार्ड भी कहा जाता है, क्योंकि इस सब्जी के बाहर के हिस्से में कांटानुमा आकार बने होते हैं.
परलकोट के किसानों ने धान और मक्के की खेती के साथ-साथ अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए सब्जी भी उगाई है. किसान अनुप ने करीब एक डिसमिल जमीन में खेक्सी की खेती की और उसे 30 रुपए प्रति किलो के हिसाब से होलसेल में बेचा. चिल्हर सब्जी विक्रेता इसे बाजार में 40 रुपए किलो की दर से बेचते हैं. पहले इसी खेक्सी को बाजारों में करीब 100 रुपए तक बेचा जाता था.
खेक्सी की खेती
पश्चिम बंगाल से लाया जाता है खेक्सी का कांदा
अनूप ने बताया कि खेक्सी की खेती के लिए खेक्सी का कांदा लगाना पड़ता है. कांदे से ही खेक्सी का पौधा निकलता है और लता बनकर फैलता है. किसान ने बताया कि पश्चिम बंगाल से खेक्सी का कांदा लाकर खेत में लगाने से फसल की पैदावार अच्छी होती है. रोजाना सुबह खेक्सी के नर फूल को तोड़कर मादा फूल से क्रॉसिंग प्रक्रिया की जाती है, ताकि मादा फूल के साथ जो खेक्सी का फल लगा होता है वह सूखकर गिर न जाए. किसान ने बताया कि खेक्सी के खेत में सिर्फ पुरूषों को आने की इजाजत होती है, महिलाओं का आना यहां मना होता है.
पश्चिम बंगाल से लाया जाता है खेक्सी का कांदा
लोगों को सस्ते में मिलती है खेक्सी
किसान के मुताबिक पहले परलकोट के बाजारों में बाहर से खेक्सी मंगाई जाती थी. सब्जी व्यापारी इसे ज्यादा दाम में बेचा करते थे. आज जब परलकोट के किसान खुद खेक्सी की खेती कर रहे हैं, तो यहां रहने वाले लोगों को खेक्सी की सब्जी आसानी से मिल जाती है.
परलकोट क्षेत्र के किसान आज आधुनिक तकनीक से सब्जियों की खेती कर रहे हैं. जिन सब्जियों का उत्पादन इस क्षेत्र में नहीं हो सकता उसे भी उगाकर ये किसान लाखों कमा रहे हैं. किसान अनुप ने ये उदाहरण पेश किया है कि कम से कम जमीन में भी खेती पर मेहनत कर ज्यादा पैसे कमाए जा सकते हैं.