कोरबा। एसईसीएल की दीपका परियोजना से प्रभावित ग्राम चैनपुर के भू-विस्थापित युवा ने उसके परिजनों की अधिग्रहित जमीन पर दूसरे प्रांत के निवासी द्वारा फर्जी तरीके से नौकरी हासिल करने की शिकायत किया है।
ग्राम चैनपुर, तहसील हरदीबाजार निवासी राजेश कुमार जायसवाल पिता उदयनारायण ने बताया कि उसके पिता उदयनारायण सहित परिजन बालकृष्ण पिता सालिकराम, मि_ूलाल, परमात्मा प्रसाद पिता रामस्वरूप के नाम पर ग्राम चैनपुर में पुस्तैनी कास्तकारी जमीन खसरा नंबर 374/1, 459/2, 554 की कुल 1.25 एकड़ भूमि थी। कोयला उत्खनन हेतु गेवरा परियोजना द्वारा वर्ष 1986 में भूमि अधिग्रहण किया गया। उस समय पीडि़त व उसके अन्य परिजन नाबालिग थे जिसके कारण रोजगार हेतु नामांकन जमा नहीं किया गया। पिछले वर्ष से वह दीपका मुख्य महाप्रबंधक कार्यालय में जमीन के एवज में रोजगार के लिए भटक रहा है जिसे घुमाया जा रहा है। इस बीच बताया गया कि उक्त भूमि के एवज में मनोज कुमार को नौकरी दिया गया है जो कुसमुंडा क्षेत्र में नौकरीरत है। राजेश कुमार ने बताया कि मनोज कुमार बिहार राज्य का रहने वाला है जबकि पीडि़त के पिता व अन्य सह खातेदारों ने कभी भी किसी व्यक्ति को रोजगार के लिए नामांकित नहीं किया और न ही परिवार के सदस्यों से कोई सहमति ली गई है। फर्जी और कूटरचनापूर्वक हासिल की गई नौकरी को खत्म करते हुए मनोज कुमार के विरूद्ध बर्खास्तगी एवं दण्डात्मक कार्यवाही कर भू-स्वामी के वारिसों को अन्य सुविधा प्रदान करने का आग्रह किया गया है।

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