कोरबा। एसईसीएल की दीपका विस्तार परियोजना में आज 240 और 120 टन की डंपरों के पहिए थम गए। ऑपरेटरों का कहना है कि शिफ्ट इंचार्ज एनके साहू के द्वारा कामकाज को लेकर अडिय़ल रवैया अपनाया जा रहा है, जिससे ऑपरेटर परेशान हैं। कोयले का परिवहन रोक दिए जाने से प्रबंधन को करोड़ों का नुकसान अनुमानित है।
जानकारी के अनुसार एसईसीएल की खदानों में कोयले का परिवहन विशालकाय 240 और 120 टन के डंपरों में होता है। इन वाहनों को चलाने वाले ऑपरेटरों का कहना है कि शिफ्ट इंचार्ज एनके साहू ने प्रथम पाली में 2 बजे तक डंपर को चलाने का आदेश जारी किया है, 2 बजे तक डंपर चलाने से हार्ड स्टैंड से एमटीके तक पहुंचने में करीब 1 घंटे का समय और बीत जाता है जबकि शिफ्ट का समय 2 बजे तक का ही है। इस मुद्दे को लेकर ऑपरेटर और प्रबंधन के बीच तनातनी हो गई। इसके बाद शिफ्ट इंचार्ज ने कह दिया कि जिन्हें काम करना है, वह करें वरना अपना हाजिरी आउट कर बाहर जा सकते हैं। ऑपरेटर इस बात से नाराज हो गए और डंपरों को खड़ा कर हड़ताल पर बैठ गए।
बता दें कि आज सुबह 6 बजे से लेकर 2 बजे तक के प्रथम पाली में 240 टन 120 टन और सॉवेल मशीन के पहिए थमे रहे, जिससे कि प्रबंधन को करोड़ों का नुकसान हुआ है। क्षेत्रीय खान सुरक्षा सदस्य फैयाज अंसारी ने आरोप लगाया कि शिफ्ट इंचार्ज द्वारा श्रमिकों से अभद्र व्यवहार किया जाता हैं, वहीं सुरक्षा के नियमों का पालन भी नहीं किया जा रहा है। ऑपरटरों का कहना है कि जब तक शिफ्ट इंचार्ज को हटाया नहीं जाएगा, तब तक हम अपनी बातों पर अडिग रहेंगे।