उर्वरक नियंत्रण आदेश अंतर्गत संबंधित उर्वरक विक्रेता के विरूद्ध नियमानुसार की जाएगी कार्यवाही

कोरबा। उप संचालक कृषि श्री अजय कुमार अनंत के निर्देश में खरीफ 2023-24 में जिले के क्षेत्रीय उर्वरक निरीक्षकों द्वारा जिले के सभी सेवा सहकारी समितियों एवं खाद के निजी विक्रय केन्द्रों में लगातार जांच कर कार्यवाही की जा रही है। इसी कड़ी में निरीक्षकों द्वारा अब तक जिले के 127 उर्वरक विक्रय केद्रों में निरीक्षण किया गया है। जिसके अंतर्गत 43 विक्रय केद्रों में अनियमिता पाई गई। कार्यवाही की कड़ी में 37 विक्रय केन्द्रों पर कारण बताओ नोटिस एवं 06 विक्रय केंद्रों में अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए उर्वरक की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है। उर्वरक   विक्रेताओं  द्वारा विक्रय किये गए उर्वरक की मात्रा पीओएस मशीन में अनिवार्यतः एन्ट्री किया जाना है। इस संबंध में निरीक्षकों द्वारा उर्वरक के भौतिक स्टॉक पीओएस में किए गए एन्ट्री की लगातार जांच करते हुए सत्यापन में भिन्नता पाये जाने पर कार्यवाही की जा रही है। 
  उप संचालक कृषि ने बताया की जिले में कोई उर्वरक विक्रेता वास्तविक किसान को उर्वरकों की बिक्री न कर केवल पीओएस मशीन में उर्वरकों का फर्जी विक्रय दिखाता है एवं जांच के दौरान उसके उर्वरक गोदामों में भौतिक रूप से उर्वरक पाए जाते है साथ ही उपलब्ध स्टॉक में भिन्नता पाई जाती है। ऐसी स्थिति में उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के अंतर्गत संबंधित उर्वरक विक्रेता के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। इसी प्रकार से उर्वरकों की कालाबाजारी करने एवं निर्धारित शासकीय दर से अधिक मूल्य पर किसानों को उर्वरक विक्रय करने पर भी संबंधित विक्रेताओं पर कार्यवाही की जाएगी। जिले के उर्वरक निरीक्षक द्वारा उक्त संदर्भ में पुनः भौतिक सत्यापन की कार्यवाही युद्धस्तर पर प्रारंभ की जा रही है। उप संचालक कृषि ने जिले के सभी उर्वरक विक्रेताओं को उर्वरक के भौतिक एवं पीओएस एन्ट्री की सत्यता बनाये रखने हेतु आग्रह किया है, जिससे इस प्रकार की शिकायत जिले से सामने न आये। 

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